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पीवी संबंधी वार्ता में प्रगति, व्यापारिक जंग टल गया
2013-07-29 15:12:12

चीनी मशीनी एवं बिजली उत्पाद आयात-निर्यात निगम ने 27 जुलाई को घोषणा की कि चीन और यूरोपीय संघ के बीच फोटोवॉल्टिक उत्पादों यानी पीवी उत्पादों के दाम पर वार्ता में समझौता संपन्न हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन और यूरोपीय संघ के बीच इतिहास में इस सब से महंगे व्यापारिक विवाद का सलाह-मशविरे के जरिए समाधान होने से दोनों पक्ष और भी व्यापारिक विवाद में उलझने से बच पाए हैं। यह साझी जीत है।

पीवी उत्पादों के दाम पर वार्ता में विशेष रूप से यूरोपीय संघ को निर्यात किए जाने वाले अपने पीवी उत्पादों के न्यूनत्तम दाम के प्रति चीन के वचन पर विचार-विमर्श किया गया। इससे पहले चीन ने वचन दिया था कि वह हर साल सीमित मात्रा में अपने पीवी उत्पादों का यूरोपीय संघ को निर्यात करेगा, बशर्तेकि इसके एवज में यूरोपीय संघ चीन के पीवी उत्पादों के खिलाफ डपिंग विरोधी कदम नहीं उठाए।

चीन और यूरोपीय संघ के बीच पीवी उत्पादों के दाम पर हुए समझौते की चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता शन तान-यांग ने प्रशंसा की और इस का स्वागत करते हुए कहाः

`चीन और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार बहुत तेजी से बढ रहा है। इस पृष्ठभूमि में व्यापारिक विवाद पैदा होना बिल्कुल सामान्य है, जिसे विवेकता से देखा जाना चाहिए और समुचित रूप से निपटाया जाना चाहिए। यूरोपीय संघ चीन के पीवी उत्पादों का सब से बड़ा आयातक बाजार है। वार्ता के जरिए संबंधित विवाद से निपटने से चीन और यूरोपीय संघ के बीच खुले सहयोग, स्थिर एवं सतत विकास पर आधारित आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों को आगे बढने में मदद मिलेगी और यह दोनों पक्षों के समान हित में है।`

शन तान यांग ने कहा कि चीन और यूरोपीय संघ के बीच पीवी उत्पादों को लेकर विवाद ऐसा विवाद है, जो अपने इतिहास में सब से भारी धनराशि से जुड़ा है। इस के युक्तिसंगत समाधान से पूरी दुनिया में स्वच्छ ऊर्जा-उद्योग के स्वस्थ एवं स्थिर विकास को लाभ मिलेगा। चीन और यूरोपीय संघ के बीच पीवी उद्योग में सहयोग मोटे तौर पर संतोषजनक तालमेल के स्तर पर आगे बढ रहा है। चीन यूरोपीय संघ के साथ इस उद्योग को और अधिक स्वस्थ विकास की राह पर ले जाने की समान कोशिश करने को तैयार है।

गत जून माह में यूरोपीय आयोग ने चीन द्वारा यूरोपीय संघ को निर्यात किए गए पीवी उत्पादों के खिलाफ डपिंग विरोधी जांच का शुरूआती परिणाम घोषित करके फैसला लिया था कि चीनी पीवी उत्पादों के खिलाफ अस्थाई डपिंग विरोधी कर लगाया जाएगा। इस फैसले के अनुसार पहले दो महीनों में 11.8 प्रतिशत कर वसूला जाएगा, इसके बाद यह प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़कर 47.6 तक पहुंचेगा। यूरोपीय आयोग का यह फैलसा आने के बाद चीन ने यूरोपीय आयोग की संबंधित जांच संस्था के साथ सघन रूप से कई दौर की वार्ताएं कीं।

पीवी उत्पादों के दाम पर वार्ता में हुई प्रगति का चीनी पीवी उद्यमों ने स्वागत किया है। चीन के प्रमुख पीवी उद्यमों में से एक ईं-ली ऊर्जा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ल्यांग थ्यैन ने हमारे संवाददाता से कहा कि वार्ता में हुई प्रगति दोनों पक्षों का चाहने वाला परीणाम है। उन का कहना हैः

`पहले, चीन और यूरोपीय संघ के बीच पीवी उत्पादों को लेकर विवाद के समाधान पर एकमतता प्राप्त की जा सकती है। दूसरे, चीनी पीवी उद्यमों ने अपने हितों के लिए जो मांगें और अपील की है, उनमें से कइयों को पूरा कर लिया गया है। तीसरे, चाहे दाम ऊंचा हो या नीचा, सभी को पूरी तरह से निःशर्त समझौते का पालन करना चाहिए।`

सूत्रों के अनुसार इससे पहले चीनी मशीनी एवं बिजली उत्पाद आयात-निर्यात निगम ने चीनी पीवी उद्यमों को पत्र भेजा था, जिसमें उनसे पूछा गया कि वे यूरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित 0.57 यूरो के न्यूनत्तम दाम को स्वीकार करेंगे कि नहीं। गौरतलब है कि यह दाम चीन और यूरोपीय संघ के बीच सलाह-मशविरे के दौरान उल्लेखित बीच का दाम है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अनुसंधान-प्रतिष्ठान के प्रमुख ह्वो चैन-क्वो ने कहा कि पीवी उत्पादों का न्यूनत्तम दाम तय होने से चीनी पीवी उद्यमों को 20 प्रतिशत चुंगी देना है। इसलिए आगे भी चीनी उद्यमों पर भारी दबाव रहेगा। श्री ह्वो चैन-क्वो ने कहाः

`पहले यूरोपीय संघ चीनी पीवी उत्पादों के निर्यात पर 11 प्रतिशत या इस से थोड़ा अधिक प्रतिशत कर लगाता था, यह चीनी उद्यमों की सहन-शक्ति के दायरे में था। लेकिन जब कर 15 प्रतिशत के ऊपर होकर 20 प्रतिशत तक पहुंचता है, तो यूरोपीय संघ को निर्यात में बड़ी दिक्कतें आ जाएंगी। इसलिए मेरे अनुमान के अनुसार चीनी उद्यमों को और भी भारी दबाव का सामना करना पड़ेगा।`

बहरहाल 47.6 प्रतिशत के डपिंग विरोधी कर के मुकाबले वार्ता में तय किया गया न्यूनतम दाम अपेक्षाकृत तर्कसंगत है। चीन इसे स्वीकार करता है। चीनी विकास एवं सुधार आयोग के एक अधिकारी ल्यू श्वी ने कहा कि यद्यपि इस दाम का क्रियान्वयन चीनी पीवी उत्पादों के यूरोपीय संघ को निर्यात पर कुछ प्रभाव डाल सकता है और उसे स्वीकार करने के अलावा चीन के पास कोई और विकल्प नहीं है, लेकिन यह विकल्प चीन के सारे पीवी उद्योग-जगत के लिए हितकर है। ल्यू के शब्दः

` चीन और यूरोपीय संघ ने कई दौर की कठिन वार्ताओं के बाद आखिरकार दोनों पक्षों को स्वीकार्य परिणाम प्राप्त किया है। इससे दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक जंग टल गया है। `

 

  

  

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