अर्थतंत्र के विकास के साथ तिब्बत को पारिस्थितिक पर्यावरण का संरक्षण मजबूत करना चाहिए। ऊर्जा खपत, प्रदूषण और उच्च उत्सर्जन वाली कंपनियों को तिब्बत में संचालन की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। नदियों, भूमिगत जल विशेष कर पेय जल को प्रदुषित न किया जाना चाहिए। इसके साथ ही मानवीय गतिविधियों से भूवैज्ञानिक आपदाएं तिब्बत में पैदा न होना चाहिए। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अध्यक्ष लोसांग ग्याल्त्सेन ने 25 जुलाई को यह बात कही।
सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष के पूर्वार्द्ध में तिब्बत में नदियों के पानी और वायु की गुणवत्ता अच्छी है।
(होवेइ)