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चीनी वित्त मंत्रालय ने 17 जुलाई को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर वित्त मंत्री लो ची-वई द्वारा हाल ही में 5वीं दौर की चीन-अमेरिकी रणनीतिक एवं आर्थिक वार्ता में अलग-अलग तौर पर दिए गए 3 बयान प्रकाशित किए गये। इन बयानों से यह संदेश मिला है कि वर्तमान आर्थिक स्थिति में चीन में समष्टिगत नियंत्रण और अगले दौर का वित्त एवं कर संबंधी सुधार किसी तरह से सतत आर्थिक विकास पर कायम रहेगा। इन बयानों में संसाधनों से जुडे कर-सुधार और पर्यावरण-संरक्षण संबंधी कर जैसे मुद्दे विशेष तौर पर उल्लिखित किए गए हैं।
चीनी वित्त मंत्री लो ची-वेई ने 5वीं दौर की चीन-अमेरिकी रणनीतिक एवं आर्थिक वार्ता के तहत हुई आर्थिक बैठक में बयान देते हुए कहा कि वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में इस साल चीन अपने अर्थतंत्र के बड़े विकास को प्रोत्साहिक करने वाली वित्तीय नीति नहीं लागू करेगा, बल्कि वित्तीय घाटे के वर्तमान स्तर को बरकरार रखने की पूर्वशर्त पर आर्थिक वृद्धि एवं रोजगार पर जोर देगा। उनका कहना है कि चीन कर-वसूली व्यवस्था को परिपूर्ण बनाने, खासकर मूल्यवर्द्धित कर में पूरा परिवर्तन लाने के कदम को आगे बढाने समेत वित्तीय सुधार-कार्य पर विचार कर रहा है। अनुमान के अनुसार यह सुधार-कार्य 1 या 2 सालों में पूरा होगा और तब से लगभग 9 खरब युआन का कर कम वसूला जाएगा।
संबंधी विद्वानों ने सोचा कि अर्थतंत्र के बड़े विकास के लिए प्रोत्साहन वाली वित्तीय नीति नहीं लागू करने और कर-वसूली को कम करने का मतलब क्या यह है कि चीन सकारात्मक वित्तीय नीति के क्रियान्वयन से हट जाएगा?इसपर चीन के अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक आदान-प्रदान केंद्र के परामर्श एवं अनुसंधान कार्यालय के उपप्रमुख वांग चुन ने कहा कि चीन में सकारात्मक वित्तीय नीति के क्रियान्वयन की दिशा अब भी स्पष्ट और मजबूत है। उन्होंने कहाः
`अर्थतंत्र को बड़ी तेजी से आगे बढाने की वित्तीय नीति नहीं लागू करने का मतलब यह नहीं है कि सकारात्मक वित्तीय नीति का क्रियान्वयन बन्द किया जाएगा। देश में सकारात्मक वित्तीय नीति के क्रियान्वयन की दिशा पहले ही निश्चित की गई है और बहुत स्पष्ट है। मोटे तौर पर देश की वित्तीय नीति अब भी विस्तार की है और बहुत सकारात्मक है। चाहे वित्तीय घाटे के वर्मतान पैमाने या कर-वसूली में वर्तमान कटौती को देखा जाए क्यों न हो, देश की वित्तीय नीति का जोर अब भी आर्थिक वृद्धि को स्थिर बनाने और ढांचागत समायोजन को बढाने पर है।
वित्त मंत्री लो ची-वेई ने चीन-अमेरिकी रणनीतिक एवं आर्थिक वार्ता के अधीन हुई ऊर्जा-सुरक्षा बैठक में कहा कि चीन संसाधनों से जुड़े कर-सुधार के काम को आगे बढाने, उपभोग-कर वसूलने की व्यवस्था को परिपूर्ण करने और नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा के विकास का समर्थन करने के लिए वित्त एवं कर संबंधी अनेक कदम उठाएगा, जिससे कि संसाधनों के आबंटन में बाजार की बुनियादी भूमिका बेहतर ढंग से अदा हो सके।
दरअसल चीन में वर्ष 2011 में कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस से संबंधित कर को वसूलने के काम में सुधार शुरू हुआ। इस साल पहली जनवरी को चीन ने अपने कई क्षेत्रों में धातु और गैर धातु खनिजों संबंधी कर लेने के काम में सुधार लाया। वित्त मंत्री लो ची-वेई ने कहा कि चीन अगले दौर में कोयले और अन्य खनिज संसाधनों को भी इस दायरे में लाने की योजना बनाएगा,जिसमें उन की मात्रा एवं कीमत दोनों की हिसाब से कर को वसूला जाएगा। इसके बारे में वित्त मंत्रालय की अनुसंधानशाला के प्रभारी च्या खांग ने कहा कि ऐसा करने से संबंधित पूरे उद्योग में ऊर्जा की बड़ी किफायत होगी। च्या खांग का कहना हैः
`इस तरह के समायोजन के उपाय से संसाधनों से जुड़े कर वैज्ञानिक तौर पर और अधिक तर्कसंगत हो जाएंगे और संबद्ध पूरे उद्योग को ऊर्जा की खपत कम कर बड़ा आर्थिक लाभ प्राप्त करने का बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।`
वित्त मंत्री लो ची-वेई ने यह भी कहा कि चीन में ऊर्जा की बचत एवं उत्सर्जन में कटौती और नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के लिए लाभदायक वित्त एवं कर संबंधी नीतिगत व्यवस्था कायम हो गई है। चीन अगले दौर के सुधार-कार्य के तहत पर्यावरण-संरक्षण संबंधी कर को वसूलेगा। बेशक कार्बन डाइऑक्साइड उन मदों में शामिल होगा, जिनपर कर वसूला जाएगा। चीन के अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक आदान-प्रदान केंद्र के परामर्श एवं अनुसंधान कार्यालय के उपप्रमुख वांग चुन ने कहा कि यह कदम प्रचलित अंतर्राष्ट्रीय नियम के अनुकूल है और चीनी अर्थव्यवस्था में गहरे सुधार की अनिवार्यता भी है। उन्होंने कहाः
`आगे भी चीन हरित एवं कम उत्सर्जन वाले विकास के रास्ते पर आगे बढेगा। वास्तव में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में भी कार्बन डाइऑक्साइड पर कर वसूला जा रहा है। चीन को इस क्षेत्र में पीछे नहीं रहना चाहिए।`