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चीन-अमेरिका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता संपन्न
2013-07-12 17:48:18

पांचवीं चीन-अमेरिका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता 11 जुलाई को वाशिंगटन में संपन्न हुई। दो दिवसीय वार्ता में दोनों पक्षों ने अन्नेनबर्ग एस्टेट की भेंट में दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्राप्त सहमतियों को लागू करने, बड़े देशों के नये संबंधों की स्थापना पर विचार-विमर्श किया। साथ ही व्यापक सहमतियां व सकारात्मक उपलब्धियां भी प्राप्त कीं।

आर्थिक वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने दोनों देशों व विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति, दीर्घकालीन व रणनीति पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया। दोनों ने आर्थिक ढांचे के सुधार, अनवरत व संतुलित विकास को मजबूत करने का वचन दिया। अमेरिका ने पूंजी-निवेश बढ़ाने, बचत दर को उन्नत करने, घाटे व ऋण को कम करने, अनवरत वित्त को हासिल करने, और मुद्रा नीति के अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव पर बड़ा ध्यान देने का वचन दिया। दोनों पक्ष जल्द ही व ठीक समय पर महत्वपूर्ण आर्थिक नीति की चर्चा भी करेंगे। साथ ही जी.20 व एपेक आदि ढांचे में व्यापक आर्थिक नीति के समन्वय को मजबूत करने, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के सुधार को बढ़ावा देने की बात कही गई। वहीं ऋण देने की क्षमता को उन्नत करने के लिये बहुपक्षीय विकास बैंक को प्रोत्साहन देने और विश्व आर्थिक पुनरूत्थान व वृद्धि को विकसित करने का वचन भी दिया गया।

अमेरिका ने निष्पक्षता से अमेरिका में चीनी उपक्रमों को पूंजी-निवेश करने देने का वादा भी किया है। वह चीनी राष्ट्रीय उपक्रमों समेत चीनी निवेशकों के लिए एक खुला वातावरण तैयार करेगा। कहा कि अमेरिकी विदेशी पूंजी कमेटी द्वारा की गयी सभी तरह की जांच केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये है, उसका आर्थिक नीति या अन्य राष्ट्रीय नीतियों से कोई संबंध नहीं है।

दोनों पक्षों ने बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था का समर्थन देने व व्यापार संरक्षणवाद का विरोध करने की बात दोहरायी। अमेरिका ने निर्यात प्रबंध व्यवस्था के सुधार में चीन से निष्पक्ष व्यवहार करने और चीन की चिंताओं पर विचार करने का वचन दिया। वह सहयोग के तरीके से तेजी व व्यापक रूप से चीन की बाजार अर्थव्यवस्था के स्थान को मानने की दिशा में कोशिश करेगा। इसके अलावा अमेरिका चीन को प्राकृतिक गैस प्रस्ताव में चीन समेत मुक्त व्यापार समझौते के बाहर के देशों को प्राकृतिक गैस के निर्यात पर मूल्यांकन करने से जुड़े वैध आग्रह बताएगा।

दोनों पक्ष वित्तीय सहयोग पर सहमत हुए हैं। इनमें वित्तीय संस्थाओं पर निगरानी व संबंधी कानून का पालन करना, बहुराष्ट्रीय निगरानी व प्रबंध करना, छाया बैंक आदि क्षेत्रों के सहयोग शामिल हैं। अमेरिका चीनी पूंजी वाली कंपनियों के अमेरिकी बाजार में पूंजी निवेश करने का स्वागत करता है।

रणनीतिक वार्ता में दोनों पक्षों ने चीन व अमेरिका के बीच बड़े देशों के नये संबंधों की स्थापना को मजबूत करने, रणनीतिक आपसी विश्वास को विकसित करने, एशिया व प्रशांत क्षेत्र में दोनों के सकारात्मक संवाद कायम करने, जलवायु परिवर्तन, मध्य पूर्व व दक्षिण एशिया आदि विश्व व क्षेत्रीय प्रमुख मामलों पर सहयोग करने पर रचनात्मक वार्ता की।

साथ ही दोनों देशों के संबंधित विभागों ने तीसरी चीन-अमेरिका रणनीतिक सुरक्षा वार्ता और इन्टरनेट कार्य दल की पहली बैठक आयोजित करने के साथ साथ जलवायु परिवर्तन, सीमा शुल्क, जंगली जीवजंतुओं के अवैध व्यापार, संयुक्त राष्ट्र की शांति रक्षा, दक्षिण एशिया मामले व लैटिन अमेरिका मामले आदि मुद्दों पर भी चर्चा की।

दोनों का मानना है कि चीन-अमेरिका संबंध इतिहास में एक नई शुरूआत के दौर में हैं। दोनों देशों की सफलता एक दूसरे के हितों से संबंधित है। दोनों देश लगातार सकारात्मक कार्रवाई करके चीन व अमेरिका के बीच बड़े देशों के नये संबंधों की स्थापना को बढ़ावा देना चाहते हैं।

दोनों पक्ष उच्च स्तरीय आदान-प्रदान व विभिन्न स्तरीय विचार-विमर्श को मजबूत करने से सहमत हैं। दोनों सेनाओं के संबंधों में सुधार व विकास करने और चीन व अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई की सूचनाएं एक दूसरे तक पहुंचाने की व्यवस्था स्थापित करने का भी निर्णय किया गया। साथ ही दोनों पक्ष जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, विज्ञान व तकनीक, कानून, समुद्री व्यवस्था, कस्टम्स, नाभिकीय सुरक्षा, वन उद्योग, आतंकवाद का विरोध, कानूनों का पालन आदि क्षेत्रों में वार्ता व सहयोग भी बढ़ाएंगे।

दोनों पक्षों ने चीन-अमेरिका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता व्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका का सकारात्मक मूल्यांकन किया, और इस व्यवस्था में सुधार करने पर सहमति भी जताई। दोनों पक्षों ने नेताओं के विशेष प्रतिनिधियों के लिए हॉटलाइन व्यवस्था स्थापित करने का ऐलान भी किया।

चंद्रिमा

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