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दो दिवसीय पांचवीं चीन-अमेरिका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता आज यानी 10 जुलाई को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में आयोजित हुई। जून के आरंभ में चीन व अमेरिका के नेताओं की सफल भेंट के बाद यह दोनों देशों के बीच और एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय आदान-प्रदान है।
चीनी उप प्रधानमंत्री वांग यांग व स्टेट कौंसिलर यांग चे छी चीनी नेताओं के विशेष प्रतिनिधि हैं। वे आर्थिक व रणनीतिक वार्ता का जिम्मा संभालेंगे। अमेरिका के नये विदेश मंत्री जोन केर्री व वित्त मंत्री जाकोब लेव अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के विशेष प्रतिनिधि हैं। वार्ता के दौरान दोनों पक्ष अन्नेनबर्ग एस्टेट में चीन व अमेरिका के नेताओं की मुलाकात में प्राप्त उपलब्धियों को अमल में लाने, विभिन्न द्विपक्षीय क्षेत्रों व महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों पर समन्वय व सहयोग विस्तृत करने पर गहन रुप से विचार-विमर्श करेंगे। रणनीतिक वार्ता के ढांचे में दोनों पक्ष चीन व अमेरिका के बीच बड़े देशों के नये संबंधों की स्थापना करने, एशिया व प्रशांत क्षेत्र में चीन व अमेरिका का सकारात्मक संवाद कायम करने, और विभिन्न क्षेत्रों में वार्ता व सहयोग को बढ़ावा देने पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। इस दौरान दोनों पक्ष तीसरी चीन-अमेरिका रणनीतिक सुरक्षा वार्ता व इन्टरनेट कार्य दल का पहला सम्मेलन आयोजित करेंगे, और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी कई वार्ताएं भी करेंगे। आर्थिक वार्ता का मुद्दा है आपसी सम्मान और सहयोग व दोनों जीत वाले व्यापक आपसी लाभदायक चीन-अमेरिका आर्थिक साझेदार संबंधों को बढ़ावा देना। इस मुद्दे में दोनों पक्ष तीन मुख्य बातों की चर्चा करेंगे। पहला, व्यापार व पूंजी-निवेश के सहयोग को विस्तृत करना। दूसरा, ढांचागत सुधार और अनवरत व संतुलित विकास को मजबूत करना। तीसरा, वित्तीय बाजार की स्थिरता व विकास।
चीन-अमेरिका रणीतिक व आर्थिक वार्ता दोनों पक्षों के बीच दीर्घकालिक, रणनीतिक व वैश्विक मामलों पर उच्च स्तरीय आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस बार की वार्ता में दोनों पक्षों के लिए अहम मामलों की चर्चा की जाएगी। उदाहरण के लिये आर्थिक वार्ता के ढांचे में विशेष तौर पर उपक्रमों के लिये एक बैठक का आयोजन किया जाएगा, ताकि दोनों देशों के उपक्रमों को आपस में बातचीत करने और दोनों सरकारों के अधिकारियों से संबंधित मामलों का समाधान करने के लिये विचार-विमर्श करने का मौका मिल सके। रणनीतिक वार्ता के ढांचे में जलवायु परिवर्तन व ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी दो बैठकें भी होंगी। इससे जाहिर है कि दोनों देशों की सरकारें उन मामलों पर बड़ा ध्यान देती है, और इसके समाधान के लिये सहयोग करना चाहती है। वहीं इन्टरनेट सुरक्षा मामले पर नये स्थापित इन्टरनेट कार्य दल ने 8 जुलाई को पहला सम्मेलन आयोजित किया। इसके अलावा 9 जुलाई को आयोजित तीसरी अमेरिका-चीन रणनीतिक सुरक्षा वार्ता में दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क को कैसे घनिष्ठ किया जाय, इसकी चर्चा भी की गयी। चीन ने कहा कि चीन अमेरिका के साथ आपसी सम्मान, सहयोग व दोनों जीत के आधार पर पांचवीं चीन-अमेरिका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता में सकारात्मक उपलब्धियां हासिल करने की कोशिश करेगा।
अमेरिका जाने से पहले उप प्रधानमंत्री वांग यांग व स्टेट कौंसिलर यांग चे छी ने अमेरिका की प्रमुख मीडिया पर लेख जारी करके चीन-अमेरिका सहयोग की संभावना बतायी।
वांग यांग ने 9 जुलाई को वॉल स्ट्रीट जर्नल में चीन-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने का मौका पकड़ें नामक एक लेख जारी किया। उन्होंने कहा कि नये दौर की वार्ता चीन व अमेरिका दोनों देशों की सरकारों द्वारा बड़े देशों के नये संबंधों की स्थापना में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि चीन-अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार ने दोनों देशों की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया, ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान किए, और दोनों देशों की जनता को लाभ दिया है।
यांग चे छी ने वाशिंगटन पोस्ट में जारी लेख में कहा कि चीन-अमेरिका सहयोग केवल दोनों देशों की जनता के लिये ही नहीं, बल्कि एशिया व प्रशांत क्षेत्र, यहां तक कि सारी दुनिया की शांति, स्थिरता व विकास के लिये भी लाभदायक होगा। वास्तविकता से यह जाहिर है कि चीन-अमेरिका सहयोग विश्व शांति का आधार है, और विश्व स्थिरता का बूस्टर भी है।
चंद्रिमा