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कैलिफ़ोर्निया से वाशिंग्टन तक
2013-07-08 16:29:09

दोस्तो, पांचवीं चीन-अमेरिका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता स्थानीय समयानुसार 10 से 11 जुलाई तक अमेरिका की राजधानी वाशिंग्टन में आयोजित होगी। इससे पहले अमेरिका स्थित चीनी राजदूत छूए थ्येन खाए ने वाशिंग्टन स्थित चीनी मीडिया संस्थाओं को एक संयुक्त इन्टरव्यू दिया। उन्होंने कहा कि चीन को आशा है कि इस वार्ता से दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण सहमतियां अमल में ला सकेंगी, और बड़े देशों के बीच नये संबंधों की स्थापना संकल्प से वास्तविक नीति व कार्रवाई तक बदल सकेगी।

अमेरिका स्थित चीनी राजदूत छूए थ्येन खाए ने परिचय देते हुए कहा कि चीन व अमेरिका दोनों देशों के नेतागण बदलने के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध अच्छी तरह से चल रहे हैं। खास तौर पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ पिछले महीने में कैलिफ़ोर्निया के अन्नेनबर्ग एस्टेट में मुलाकात की और आपसी सम्मान, उभय जीत व सहयोग वाले बड़े देशों के नये संबंधों की स्थापना पर महत्वपूर्ण सहमतियां भी प्राप्त कीं। जिसने नये दौर में चीन-अमेरिका संबंधों की दिशा तय की।

इस बार की रणनीतिक व आर्थिक वार्ता दोनों देशों के नेताओं की भेंट के बाद, चीन व अमेरिका के बीच और एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय आदान-प्रदान ही है। इस वार्ता की अध्यक्षता शी चिनफिंग के विशेष प्रतिनिधि, चीन के उप प्रधानमंत्री वांग यांग व स्टेट कौंसिलर यांग चे छी और ओबामा के विशेष प्रतिनिधि, अमेरिकी विदेश मंत्री जोन केरी व वित्त मंत्री जाकोब लेव संयुक्त रूप से करेंगे। इसके अलावा दोनों पक्षों के 20 से ज्यादा विभागों के प्रधान भी इस वार्ता में भाग लेंगे। वार्ता के मुद्दों में राजनयिक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था व वित्त आदि क्षेत्र, तथा द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व विश्व मामले शामिल हैं।

छूए थ्येन खाए ने कहा,यह जाहिर है कि दोनों पक्षों के बीच वार्ता व सहयोग का क्षेत्र बहुत विश्वाल है। इसके अलावा स्थिति बदलने के कारण इस बार इन्टरनेट सुरक्षा कार्य दल का पहला सम्मेलन भी आयोजित होगा। साथ ही जलवायु परिवर्तन का सामना करने से जुड़ी वार्ता भी शामिल होगी। इसलिये मुझे विश्वास है कि दोनों देशों के संबंधों के विकास के साथ साथ भविष्य में वार्ता, समन्वय व आदान-प्रदान की व्यवस्था ज़रूर बढ़ेगी।

पहली बार चीन-अमेरिका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता में मौजूद इन्टरनेट सुरक्षा कार्य दल पर विश्व का ध्यान केंद्रित हुआ है। हाल ही में अमेरिका ने लगातार चीन पर इन्टरनेट द्वारा अमेरिकी सरकार व उपक्रमों पर जासूसी कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। लेकिन कुछ समय पहले प्रिज्म घटना से लोग यह जानते हैं कि लंबे समय तक अमेरिका लगातार इन्टरनेट से चीन व यूरोपीय संघ आदि देशों पर जासूसी काम करता रहा है। चीन, यूरोपीय संघ, फ़्रांस, जर्मनी व इटली आदि देशों व संगठनों ने क्रमशः अमेरिका से इसका जवाब देने का आग्रह किया।

इस बात की चर्चा में छूए थ्येन खाए ने कहा कि इन्टरनेट की सुरक्षा विश्व में सभी देशों के सामने एक समान महत्वपूर्ण मामला है। उन्होंने कहा,दूर-संचार तकनीक के विकास और इन्टरनेट के प्रसार-प्रचार से विभिन्न देशों के सामने इन्टरनेट की सुरक्षा से जुड़े मामले सामने आये हैं। एक अच्छा व रचनात्मक उपाय यह है कि विभिन्न देशों को एक साथ विचार-विमर्श करके एक नियम बनाना चाहिये। जैसेः संयुक्तराष्ट्र संघ के माध्यम से एक नियम बनाया जाएगा, और सभी लोगों को इसका पालन करना पड़ेगा। क्योंकि इस पक्ष में एक दूसरे पर आरोप लगाने से कोई फ़ायदा नहीं है।

द्विपक्षीय पूंजी-निवेश समझौते की वार्ता भी एक ध्यानाकर्षक मुद्दा है। छूए थ्येन खाए ने कहा कि दोनों पक्षों को एक साथ कोशिश करके जल्द ही इस क्षेत्र में मौजूद बाधाओं को दूर करना चाहिये। उन्होंने कहा,चीनी उपक्रमों के पास अमेरिका में पूंजी लगाने का बड़ा जोश है। साथ ही अमेरिका के कई क्षेत्रों में विदेशी पूंजी की भी आवश्यकता है। अगर आर्थिक पूरक की दृष्टि से देखा जाए, तो यह दोनों की जीत की बात है। लेकिन अब इसमें बहुत सी बाधाएं हैं, वास्तव में यह आर्थिक कारण नहीं है, वह राजनयिक कारण ही है। इसलिये दोनों पक्षों को वास्तविक कोशिश करके सभी बाधाओं को दूर करना चाहिये। क्योंकि यह दोनों पक्षों के लिये लाभदायक होगा।

चंद्रिमा

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