चीन के राष्ट्रीय बिजली नेटवर्क की तरफ से 5 जुलाई को जारी जानकारी के अनुसार 30 जून तक छिंगहाई-तिब्बत बिजली नेटवर्क परियोजना के तहत तिब्बत में कुल मिलाकर 1 अरब 10 करोड़ से अधिक किलोवॉट बिजली भेजी गयी, जो तिब्बत में बिजली नेटवर्क की कुल मात्रा का एक-चौथा भाग बनता है। इसका मतलब हुआ कि 1 लाख 40 हज़ार टन कोयले की बचत की गयी है और 11 लाख 20 हज़ार टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइट की निकासी भी कम की गयी है।
वर्ष 2005 से लेकर अब तक तिब्बत का अर्थतंत्र तेज़ी से बढ़ रहा है। लेकिन सर्दी के दिनों और वसंत के मौसम में पानी के अभाव से जल-विद्युत स्टेशन पर निर्भर रहे तिब्बत में बिजली की मात्रा कम हो जाती थी, जिससे औद्योगिक उत्पादन और आम लोगों के जीवन पर बड़ा असर पड़ता था। छिंगहाई-तिब्बत बिजली नेटवर्क परियोजना लागू होने के बाद तिब्बत की बिजली समस्या हल हो गयी है।
वर्ष 2011 में 9 दिसंबर को छिंगहाई-तिब्बत बिजली नेटवर्क का पूर्व परीक्षण किया गया, जबकि अगले साल की 10 जून को व्यावहारिक प्रचलन में इस नेटवर्क का प्रयोग शुरू किया गया। इस नेटवर्क के संपन्न होने के बाद यह भीतरी चीन का संपूर्ण बिजली नेटवर्क भी बन गया है।(लिली)