दोस्तो, लंदन ओलिंपिक को बिते एक साल हो चुका है। लंदन ओलिंपिक की आयोजन कमेटी के अध्यक्ष सेबास्टियन खो ने कहा कि आगामी दस वर्षों में लंदन ओलिंपिक की विरासतों का विकास किया जाएगा। अब पढ़िये इस के बारे में एक रिपोर्ट।
सेबास्टियन ने 26 जून को लंदन में आयोजित एक न्यूज़ ब्रीफ़िंग में लंदन ओलिंपिक के सफल आयोजन का सिंहावलोकन किया। उन्होंने कहा कि लंदन ओलिंपिक के आयोजन से लंदन के पूर्वी क्षेत्र का माहौल बदला है, और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार आया है। ओलंपिया सांस्कृतिक दिवस के आयोजन से विश्व में ब्रिटिश संस्कृति का प्रभाव विस्तृत हुआ, और मशाल रिले से ओलिंपिक भावना भी पूरे ब्रिटेन में फैली। आगामी दस वर्षों में हम नये मापदंड के साथ ओलिंपिक की विरासतों का विकास करेंगे।
उन्होंने कहा, मेरे ख्याल से यह नया मापदंड आगामी दस वर्षों में एक खाका पेश करेगा। हमने यह देखा है कि पिछली गर्मी के दिनों से हमने ठीक तरीके से निर्माण कर ओलिंपिक की तैयारी के लिये एक सही परियोजना तैयार की है। मैं यह कह सकता हूं कि हमारे लिये ओलिंपिक की सबसे महत्वपूर्ण विरासत तो इसका कुशल व सफल आयोजन करना है। एक देश के रुप में हम विश्व के सामने अपने आधुनिकता, विविधता व क्षमता को दिखा सकते हैं। हम अपने इतिहास पर गर्व महसूस करते हैं। हम अपनी ऐतिहासिक विरासतों का संरक्षण करते हैं, और विश्व का स्वागत भी मिला।
अब सेबास्टियन ब्रिटेश ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष हैं। साथ ही वे ब्रिटेश प्रधानमंत्री के ओलिंपिक विरासत दूत भी हैं। उन्होंने कहा कि लंदन ओलिंपिक के आयोजन से पहले हमने कई शहरों, जिन्होंने ओलिंपिक का आयोजन किया था, से अनुभव सीखें हैं, और अनवरत विकास के तरीके से ओलिंपिक विरासतों का विकास किया। उन्होंने कहा, पुनःविकास की दृष्टि से बार्सिलोना एक मॉडल बन गया है। मैं आप लोगों को सीओल पैरा-ओलिंपिक की विरासतों का परिचय भी दे सकूंगा। वर्ष 1988 के ओलिंपिक के बाद ध्यानाकर्षक पैरा-ओलिंपिक के खिलाड़ियों ने क्रमशः ओलिंपिक गांव में प्रवेश करके जीवन बिताया। जिससे ओलिंपिक पार्क के मूल्य में काफी हद तक इज़ाफा किया गया। वास्तव में हर शहर में ऐसे अच्छे उदाहरण होते हैं, केवल खेल में ही नहीं।
लंदन ओलिंपिक में उन पर छोड़ी गयी सबसे गहरी छाप क्या है ? इस की चर्चा में सेबास्टियन ने याद दिलाकर कहा कि उनके साथ काम करने वाले सभी लोगों से वे बहुत प्रवाभित हुए। उन्होंने कहा, मेरे लिये उन लोगों ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी, जिन्होंने सक्रिय रूप से ओलिंपिक की तैयारियों में हिस्सा लिया, चाहे मशाल रिले में या निर्माण कार्यक्रमों में। निर्देशक डैनी बोयले ने कहा था कि अगर मैं ओलिंपिक में भाग ले सकूं, तो मैं कोई भी काम कर सकता हूं। उनके अलावा हजारों स्वयंसेवक भी ऐसे हैं। जब हमने वेबसाइट पर स्वयंसेवकों की भर्ती की, तो केवल कुछ मिनटों में 3 लाख 50 हजार लोगों ने साइन-अप कर लिया। यह बहुत आश्चर्यजनक बात है। यह तो सात या आठ वर्षों से पहले की बात थी। लेकिन मुझ पर उन लोगों की सच्चाई, भावना, दयालु व ईमानदारी ने गहरी छाप छोड़ी है।
तीन वर्षों के बाद ब्राजिल के रिओ-डे-जैनेरो में आयोजित ओलिंपिक की चर्चा में सेबास्टियन ने कहा कि वे रिओ ओलिंपिक आयोजन कमेटी के साथ घनिष्ठ संपर्क रखकर उनको सहायता देंगे। उन्होंने कहा, हर ओलिंपिक की आयोजन कमेटी को अन्य ओलिंपिक कमेटियों से अनुभव लेना चाहिये। रिओ के सामने मौजूद चुनौतियां लंदन को भी सामना करना पडा था, और ओलिंपिक का आयोजन करने वाले अन्य शहरों को भी सामना करना है। इसमें कोई दो राय नहीं है। हम सभी यह जानते हैं कि एक विश्वविख्यात शहर के रूप में यातायात व सुरक्षा आदि क्षेत्रों में बहुत मुश्किलें आयेंगी। उन मुश्किलों को दूर करने के लिये एक बहुत जटिल परियोजना की ज़रूरत है, पर मुझे विश्वास है कि ब्राजिल अवश्य सभी लोगों के सामने एक श्रेष्ठ ओलिंपिक पेश कर सकेगा, और अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी में अनुभव के आदान-प्रदान के लिये एक औपचारिक नीति भी तैयार है। इसलिए लंदन ओलिंपिक की समाप्ति के बाद हमने जल्द ही रिओ को हमारे अनुभवों का परिचय दिया। इसके अलावा हम दोनों पक्ष नियमित रूप से संपर्क साध रहे हैं, और हमारी टीम में कुछ लोग वहां विशेष काम भी कर रहे हैं। अन्य शहरों से ओलिंपिक के आयोजन से प्राप्त अनुभवों को सीखना हर आयोजन शहर के लिए बहुत महत्वपूर्ण बात है।
चंद्रिमा