तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने 27 जून को"पर्वतों और नदियों का प्यार• लालू आर्द्रभूमि का संरक्षण"शीर्षक वाली गतिविधि चलाई। सैकड़ों स्वयं सेवकों ने पर्यावरण संरक्षण थैलियों के साथ आर्द्रभूमि में फैली हुई प्लास्टिक की बोतलों समेत कई तरह के कचरों को इकट्ठा किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण महान कार्य है, इससे पर्यावरण की देखरेख के साथ ही मनुष्यों के जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ती है।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रसारण विभाग के उप-प्रधान मङ श्याओलिन ने कहा कि तिब्बत विश्व की छत और पृथ्वी के तीसरे ध्रुव के नाम से विश्वविख्यात है। यहां दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की नदियों का उद्गम स्थल ही नहीं, पारिस्थितिकी स्रोत भी स्थित है, जो विश्व की जलवायु परिवर्तन पर बड़ा असर छोड़ते हैं।
गौरतलब है कि लालू आर्द्रभूमि का क्षेत्रफल 12.2 वर्गकिलोमीटर है, जो तिब्बत की राजधानी ल्हासा के क्षेत्रफल का एक दसवां भाग है। यह चीन में समुद्र तल से सबसे ऊंचाई पर बसी और सबसे बड़ी शहरी आर्द्रभूमि है। साल भर 50 हज़ार टन ऑक्सीजन इस आर्द्रभूमि में उपजती है।
(श्याओ थांग)