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भारत व अमेरिका के बीच रणनीतिक वार्ता
2013-06-25 16:50:25

दोस्तो, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने 24 जून को भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ भारत-अमेरिका चौथी रणनीतिक वार्ता की अध्यक्षता की। दोनों ने व्यापार, पर्यावरण, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में सहमति प्राप्त की।

24 जून को आयोजित वार्ता में भारत व अमेरिका ने मुख्य तौर पर अर्थव्यवस्था, विज्ञान व तकनीक, सुरक्षा, अंतरिक्ष सहयोग व शिक्षा आदि मुद्दों और क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर व्यापक विचार-विमर्श किया। और व्यापार, पर्यावरण व ऊर्जा आदि क्षेत्रों में सहमतियां हासिल हुई। ऊर्जा क्षेत्र में भारत व अमेरिका तेल, प्राकृतिक गैस, स्वच्छ ऊर्जा व पुनरुत्पादनीय ऊर्जा के विकास व सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हैं। वहीं पर्यावरण के मसले पर दोनों देशों ने संयुक्त कार्य दल की स्थापना करके एक साथ जलवायु परिवर्तन से मौजूद गंभीर चुनौतियों का सामना करने का सुझाव भी पेश किया। अर्थव्यवस्था व व्यापार के क्षेत्र में दोनों पक्षों ने मध्य जुलाई में वाशिंगटन में आयोजित भारत-अमेरिका सी.ई.ओ. मंच में बाजारों से जुड़े सहयोग की चर्चा करने का फैसला किया।

इस संबंध में आयोजित न्यूज़ ब्रीफिंग में भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने वार्ता में हासिल उपलब्धियों का उल्लेख किया। और कहा कि वे लगातार दोनों देशों के रणनीतिक साझेदार संबंधों को गहरा व विस्तृत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, आज की वार्ता ने भारत व अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सहयोग को एक नये दौर में पहुंचाया, जैसे ऊर्जा के क्षेत्र में। हमने चिकित्सा, विज्ञान व तकनीक, शिक्षा, अंतरिक्ष तकनीक, प्रतिरक्षा और सुरक्षा के साथ नाभिकीय ऊर्जा का प्रयोग आदि मौजूद सहयोगों को भी मजबूत किया है। साथ ही दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक वार्ता सुचारू रूप से चल रही है। यह महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मामलों पर दोनों देशों के सलाह-मशविरे के लिये लाभदायक है।

गौरतलब है कि अमेरिकी विदेश मंत्री के रुप में केरी का यह पहली भारत दौरा है। उन्होंने कहा कि बीते दस वर्षों में अमेरिका व भारत को आर्थिक व व्यापारिक सहयोग में बड़ी सफलता मिली। उन्होंने दोनों देशों के बीच मौजूद व्यापारिक बाधाओं को जल्द ही दूर करने और पूजी-निवेश और आर्थिक व व्यापारिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। इसके अलावा केरी ने यह दोहराया कि अमेरिका भारत को एशिया व प्रशांत क्षेत्र में रचनात्मक भूमिका अदा करने का समर्थन देता है। उन्होंने कहा, एशिया व हिंद महासागर-प्रशांत क्षेत्र की शांति व स्थिरता के प्रति अमेरिका व भारत का रुख एक जैसा है। हमने बहुत खुशी के साथ यह देखा है कि भारत क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। हम भारत के साथ ज्यादा सहयोग करेंगे।

नाभिकीय ऊर्जा के इस्तेमाल पर केरी ने कहा कि अमेरिका भारत के असैन्य परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का समर्थन करता है, और भारत के साथ नाभिकीय ऊर्जा के प्रयोग में सहयोग को मजबूत करना चाहता है। उन्होंने कहा, अमेरिका व भारत ने फिर एक बार ठीक समय पर असैन्य नाभिकीय ऊर्जा सहयोग समझौते का पालन करने का वचन दिया। हम भारतीय राष्ट्रीय परमाणु बिजली कंपनी व अमेरिकी वेस्टिंग हाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच लगातार नाभिकीय ऊर्जा सहयोग का स्वागत करते हैं। उम्मीद है कि दोनों पक्ष इस वर्ष के सितंबर में वाणिज्य सहयोग समझौता प्राप्त कर सकेंगे।

प्रमुख बात यह है कि केरी की भारत यात्रा के दौरान प्रिज्म घटना हुई। इन्टरनेट की सुरक्षा केरी की यात्रा में एक प्रमुख विषय बन गयी। इसकी चर्चा में केरी ने कहा कि अमेरिकी इंटरनेट कंपनी के उपयोगकर्ताओं की सूचना पर निगरानी करने से जुड़ी खबर में ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, वास्तव में यह केवल कंप्यूटर द्वारा नमूने लेकर जांच-पड़ताल का मामला है। हर व्यक्ति को शायद यह मौका मिल सकता है। लेकिन जांच-पड़ताल में उपयोगकर्ताओं के नाम नहीं है, केवल फ़ोन नंबर है। अगर जांच में कोई फ़ोन नंबर आतंकवाद से जुड़ा हुआ है, तो ऐसी स्थिति में इससे जुड़ी सूचनाएं एक विशेष अदालत को सौंपी जाएंगी। संबंधित वैध मापदंड से मेल खाने के बाद इसकी जांच जारी रहेगी।

24 जून की रात केरी ने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भेंट की, और भारत-अमेरिका के बीच हरित ऊर्जा व सृजन सहयोग से जुड़ी एक वार्ता में भाग लिया। 25 जून को वे भारत से मध्य पूर्व व एशिया के लिए रवाना होंगे।

(चंद्रिमा)

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