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डाइविंग प्रशिक्षक मा चिन की कहानी
2013-06-20 14:59:20
दोस्तो, हाल के कई वर्षों में मैक्सिको की गोताखोरी टीम(डाइविंग) ने कई बड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उपलब्धियां प्राप्त कीं। पर आप शायद यह नहीं जानते हैं कि इसके पीछे मैक्सिको की मदद के लिए वहां जाने वाले चीनी प्रशिक्षकों का भी अहम योगदान है। पेइचिंग से आई मा चिन चीनी प्रशिक्षकों में सबसे प्रमुख हैं। उन्हें मैक्सिको में काम करते हुए दस साल हो चुके हैं। उनसे कोचिंग लेने वाले खिलाड़ियों ने पेइचिंग व लंदन दोनों ओलंपिक में कई पदक जीते। मा चिन को दस साल एक क्षण जैसा लगता है। अब मा चिन मैक्सिको के जीवन के अभ्यस्त हो चुकी हैं। हालांकि उनके दिल में हमेशा अपनी मातृभूमि की याद रहती है। पर चीन व मैक्सिको के बीच खेल के आदान-प्रदान के लिये वे लगातार मैक्सिको में काम करती रहेंगी, और अपना योगदान देती रहेंगी। अब पढ़िये इस बारे में एक रिपोर्ट।

जून के एक दिन में हमारे संवाददाता ने दक्षिण मैक्सिको सिटी में स्थित खेल प्रशिक्षण व विकास केंद्र के डाइविंग हॉल में जाकर वहां मा चिन से इन्टरव्यू लिया। उसी समय डाइविंग हॉल में डाइवर पौला एसपिनोसा समेत मैक्सिको की डाइविंग टीम अभ्यास कर रही थी। और एक चीनी प्रशिक्षक तट पर खड़ी होकर स्पेनिश भाषा में उन्हें प्रशिक्षण दे रही थी। वे मैक्सिको की मदद के लिये वहां जाने वाले चीनी प्रशिक्षकों में सबसे श्रेष्ठ हैं। उनका नाम है मा चिन।

मा चिन की जिन्दगी एक कहानी जैसी है। 20 वर्ष की उम्र में वे पेइचिंग डाइविंग टीम से रिटायर होकर एक कोच बनी। वे लगातार अपने पसंदीदा डाइविंग खेल में व्यस्त थीं। पर 10 सितंबर 2002 को उन्हें चीनी राष्ट्रीय अखिल खेल ब्यूरो का एक फ़ोन आया। इस फोन के बाद उनकी जिंदगी ही बदल गई। मार्च 2003 में मा चिन मैक्सिको की मदद करने वाली चीनी टीम के अन्य 31 सदस्यों के साथ मैक्सिको पहुंची। यह पहला मौका था, जब चीनी राष्ट्रीय अखिल खेल ब्यूरो ने विदेश में इतने बड़े प्रशिक्षक दल को भेजा, जिससे चीन व मैक्सिको के बीच खेल कार्य का आदान-प्रदान व सहयोग शुरू हुआ। मा चिन ने कहा कि मैक्सिको में पहले दो-तीन साल में उन्हें बहुत मुश्किलें आई। उदाहरण के लिये भाषा की समस्या और चीनी प्रशिक्षकों पर मैक्सिकन खिलाड़ियों व मीडिया का संदेह आदि। इसलिये शुरूआत बहुत अच्छी नहीं रही।

उन्होंने कहा,शुरू में सबसे बड़ी समस्या तो भाषा की थी। मेरी बातें खिलाड़ी अच्छी तरह नहीं समझ पाते थे। और मैक्सिकन डाइविंग टीम भी बहुत मजबूत थी। पिछले कई सालों से यह मैक्सिको की बेस्ट इवेंट रही है। मैं यहां आने के बाद खिलाड़ियों का विश्वास जीतना चाहती थी कि चीनी कोच उन्हें कुछ नया सिखा सकते हैं। उस दौरान मैक्सिकन टीम के प्रशिक्षकों और मीडिया ने चीनी टीम पर बहुत संदेह किया। इसलिये मुझे एक चीनी के रूप में कुछ काम करके उन्हें चीनी कोचों की क्षमता दिखानी थी, ताकि मैं अपने देश के लिये गौरव हासिल कर सकूं।

श्रेष्ठता की खोज में वे हमेशा गंभीर रूप से खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देती थी। इस तरह के प्रशिक्षण के बाद मैक्सिकन गोताखोरी टीम ने कई बार विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल की। और मैक्सिकन खिलाड़ियों ने भी चीनी डाइविंग टीम स्वप्न टीम से मुकाबला करने की इच्छा व्यक्त की। अच्छी उपलब्धियां प्राप्त करने से मैक्सिकन जनता ने धीरे धीरे चीन से आई इस प्रशिक्षक को स्वीकार किया।

मा चिन ने कहा, पेइचिंग व लंदन दोनों ओलंपिक के दौरान मैक्सिकन खिलाड़ियों ने कई पदक हासिल किए। विश्व चैंपियनशिप में पौला ने एक स्वर्ण पदक भी जीता। यह मैक्सिको के खेल इतिहास में एक बड़ी बात है। हर वर्ष मेरे नेतृत्व में मैक्सिकन टीम को कुछ न कुछ सफलता मिली। इसलिये राष्ट्रपति से साधारण जनता तक मैक्सिकन लोग मेरी बड़ी प्रतीक्षा में हैं। उन्हें आशा है कि मैं मैक्सिको के लिये और अधिक काम आ सकूंगी।

मा चिन की कोशिश से कई मैक्सिकन लड़के डाइविंग की ओर आकर्षित हुए। वर्तमान में कुल तेरह बच्चे मा चिन से गोताखोरी सीखते हैं। उनमें सबसे छोटा सिर्फ केवल आठ वर्ष का है, और सबसे बड़ा विश्वविद्यालय का छात्र है। फुरसत के क्षणों में मा चिन ने उन छोटे बच्चों की देखभाल करने में बहुत समय लगाया। पर मा चिन बहुत खुशी के साथ यह काम करती हैं। उनके ख्याल से बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने और उनके साथ ज्यादा आदान-प्रदान करने से वे चीन व पश्चिमी देशों के बीच संस्कृति की भिन्नता को अच्छी तरह से महसूस कर सकती हैं। और बच्चों को प्रशिक्षण देते समय यह भी लाभदायक होगा। दस वर्षों में उनकी कोशिश से मैक्सिकन गोताखोरी टीम के खिलाड़ियों में व्यापक बदलाव देखने में आया।

उन्होंने कहा, मैंने मैक्सिकन टीम में प्रशिक्षण का प्रबंधन बदल दिया। यहां मैं अपने प्रशिक्षक को धन्यवाद देना चाहती हूं। क्योंकि उन्होंने मुझे खूब सिखाया। जो मैंने उनसे सीखा, मैंने बिना झिझक के यहां के खिलाड़ियों को सिखाया। न सिर्फ़ डाइविंग की तकनीक, बल्कि कुछ विचार भी। उदाहरण के लिये समय का पालन करना और अभ्यास का गंभीर रुख। चीनी खिलाड़ियों की अपेक्षा मैक्सिकन खिलाड़ी ज्यादा शक्तिशाली हैं। लेकिन उनकी तकनीक की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। इसलिये मैं उनकी श्रेष्ठता के आधार पर तकनीकों की उन्नति करने की कोशिश कर रही हूं।

समय जल्द ही बीत रहा है। मा चिन समेत चीनी प्रशिक्षक दल के मैक्सिको में काम करते हुए दस साल हो चुके हैं। इस प्रशिक्षक दल के सदस्यों को अपनी अपनी श्रेष्ठ इवेंट आती है। जैसेः गोताखोरी, तैराकी, जिम्नास्टिक्स, टेबल टेनिस, बैटमिंटन, भारोत्तोलन व तीरंदाजी आदि। मा चिन ने कहा कि दस साल पहले तत्कालीन मैक्सिकन खेल मंत्री की दूरदृष्टि से चीन-मैक्सिको के बीच खेल आदान-प्रदान का विकास हुआ। उन्होंने विश्व प्रतिस्पर्द्धा खेल के विकास में भी भूमिका अदा की है।

मा चिन ने कहा, उस वक्त के मैक्सिकन खेल मंत्री ने यह सोचा था कि वर्ष 2008 का ओलंपिक पेइचिंग में आयोजित होगा, इसलिये उन्होंने कुछ चीनी प्रशिक्षकों को मैक्सिकन खिलाड़ियों की सहायता देने के लिये आमंत्रित करना चाहा। यह चीन व मैक्सिको के बीच पहला खेल आदान-प्रदान था। इसके लिये बहुत उदार नीति भी तैयार की। मेरे ख्याल से इन खेल मंत्री ने दोनों देशों के आदान-प्रदान में एक बहुत अच्छा काम किया।

पिछले वर्ष नवंबर में मा चिन द्वारा चीन-मैक्सिको के बीच खेल व संस्कृति के आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण योगदान के लिये मैक्सिकन राष्ट्रपति फ़ेलिप काल्देरोन हिनोजोसा ने उन्हें आगुइला आज़तेका पदक प्रदान किया। यह पदक विदेशी लोगों के प्रति मैक्सिकन सरकार का सर्वोच्च सम्मान है। और मा चिन पहला चीनी हैं जिन्हें यह सम्मान हासिल हुआ।

मा चिन ने कहा कि हालांकि वे विदेश में दस से ज्यादा वर्ष बिता चुकी हैं। लेकिन उनका दिल हमेशा चीन के साथ है। चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की मैक्सिको की यात्रा पर उन्होंने उत्साह के साथ कहा, हालांकि मैं विदेश में हूं, लेकिन मैं हमेशा चीन में होने वाली बातों पर बड़ा ध्यान देती हूं। समय मिलने पर हर दिन मैं चीन से जुड़ी खबरें पढ़ती हूं। उदाहरण के लिये राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की लैटिन अमेरिका के तीन देशों की यात्रा, चीन की प्रथम महिला की सुन्दरता आदि देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। इसके अलावा मुझे मालूम हुआ है कि स्छ्वान प्रांत के लुशान में आए भूकंप के बाद शी चिनफिंग ने भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में जाकर वहां राहत कार्य में व्यस्त अधिकारियों व सैनिकों व भूकंप से पीड़ित जनता को सांत्वना दी। और उन्होंने भाषण देकर ऐतिहासिक बुद्धि से भ्रष्टाचार विरोधी निर्माण को बढ़ावा दिया। मुझे आशा है कि चीन नए नेताओं के नेतृत्व में ज्यादा से ज्यादा समृद्ध बन सकेगा।

मा चिन ने यह उम्मीद भी जताई है कि खेल क्षेत्र में चीन व मैक्सिको का आदान-प्रदान एक उच्च स्तर पर पहुंच सकेगा। साथ ही आर्थिक क्षेत्र में दोनों देशों के सहयोग भी अच्छी तरह से चल रहेंगे। उन्होंने कहा, मैक्सिको के नये राष्ट्रपति को भी खेल व संस्कृति का बड़ा शौक है। साथ ही वे चीन व मैक्सिको दोनों देशों के राजनीतिक व आर्थिक संबंधों पर भी बड़ा ध्यान देते हैं। इस बार शी चिनफिंग की मैक्सिको यात्रा ज़रूर चीन-मैक्सिको खेल सहयोग को बढ़ावा देगी। मेरे ख्याल से अर्थव्यवस्था में मैक्सिको को चीन चाहिये। अगर चीनी उत्पादों की गुणवत्ता ज्यादा अच्छी होगी, तो मैक्सिको में उनका बाजार ज़रूर ज्यादा बड़ा होगा।

चंद्रिमा

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