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शिनयांग की हरी चाय की महक
2013-06-19 14:00:51
मध्य चीन के हू पेह , होनान व आनह्वी इन तीनों प्रांतों के संगम पर खड़ा शिनयांग क्षेत्र चीन के प्रसिद्ध हरी चाय उत्पादन केंद्रों में से एक माना जाता है , शिनयांग क्षेत च्यांगहान घाटी में अवस्थित है , इस क्षेत्र के दक्षिण में ता प्ये पर्वत खड़ा हुआ है , उत्तर में हवाई हो नदी कल कल करते हुए आगे बह जाती है , इसलिये यहां का प्राकृतिक दृश्य अत्येंत अनुपम ही नहीं , मौसम भी बहुत सुहावना होता है ।

ठीक इसी विशेष प्राकृतिक स्थिति की वजह से शिनयांग का चित्र जितना मनोहर प्राकृतिक दृश्य उत्पन्न हो गया है , साथ ही बढ़िया गुणवत्ता वाली शिनयांग हरी चाय भी उपलब्ध हो गयी है । पिछले हजार वर्ष में यहां के स्थानीय वासी हरी चाय उगाने पर आश्रित हैं , वे हरी चाय उगाने में जुटे हुए ही नहीं , हरी चाय पीने के आदी भी हो गये हैं । उत्पादन और दैनिक जीवन में हरी चाय से उन का मधुर रिश्ता होने से विशेषता वाली शिनयांग चाय संस्कृति भी बनी हुई है । आजके इस कार्यक्रम में हम आप को मध्य चीन के होनान प्रांत के शिनयांग क्षेत्र के दौरे पर ले चलते हैं और वहां पर अलग ढंग के चाय उत्पादन क्षेत्र के दर्शनीय प्राकृतिक दृश्य को महसूस करते हैं ।

अभी आप ने जो लोक गीत सुन लिया है , वह होनान प्रांतीय स्थानीय शैली से युक्त शिनयांग लोकगीत ही है , नाम है चाय बहन । हर वर्ष के अप्रैल में वसंत चाय पत्तियों को तोड़ने का बढ़िया वक्त है , इसी समय चाय पत्ति का नन्हा अंकुर जब निकल आता है , तो पारे चायबागान में हरा भरा दृश्य नजर आता है । शिनयांग क्षेत्र के प्रसिद्ध चाय उत्पादन केंद्र शहोकांग टाऊनशिप का हेलुंग गांव उच्च कोटि की शिनयांग चाय का महत्वपूर्ण उत्पादन केंद्र है ।यहां पर कोई 8 सौ मीटर ऊंचा पर्वत खड़ा हुआ है , यदि आप पर्वत पर खड़े होकर दूर से नजर दौड़ाये , तो ताबड़तोड़ ऊबड़ खाबड़ ढलांनों पर बेशुमार चाय पेड़ उगे हुए दिखाई देते हैं , हल्के कोहरे में चाय की महक चारों तरफ व्याप्त रही है । यहां पर चाय पर्वत खूब सूरत ही नहीं , बल्कि उन पर स्थानीय वासियों की आशा भी बांधे हुए है । चाय उगाई माहिर चो शिन ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा

हमारे गांव के सभी परिवाच चाय उगाई पर निर्भर हैं , पहले चाय उगाने में इतनी बड़ी रुचि नहीं थी , क्योंकि उस समय हमें चाय उगाने की ज्यादा तकनीक नहीं आती थी , इसलिये चाय की पैदावार व क्वालिटी भी अच्छी नहीं थी , और तो और यातायात सुविधापूर्ण न होने से न ज्यादा ग्रहक यहां आते थे और न हम बाहर निकल जाते थे । अब हमारे यहां पक्की सड़क निर्मित हुई है , चाय खरीदने वाले ग्राहक बड़ी तादाद में यहां आने लगे हैं , नयी हरी चाय अपने गांव में ही हाथो हाथ बिक जाता है , इतना ही नहीं काफी ज्यादा आर्डर भी समय से पहले ही हमारे पास आते हैं ।

शिनयांग क्षेत्र में खुशबूदार चाय की महक चारों ओर व्याप्त ही नहीं , बल्कि बहुत सी सुंदर पौराणिक कहानियां भी स्थानीय लोगो के जुबान पर हैं । यहां के भ्रमण पर आने वाले पर्यटक खुशबूदार चाय की चुस्की लेते हुए मर्मस्पर्शी पौराणिक कथाएं सुनने में बड़े मस्त हो जाते हैं । ह्वाई हो नदी के ऊपरी घाटी क्षेत्र और ता प्ये पर्वत में अवस्थित होने की वजह से शिनयांग क्षेत्र का जलसंसाधन सारे हो नान प्रांत 22 प्रतिशत बनता है , वृक्षारोपण क्षेत्र करीब तीस प्रतिशत है । श्रेष्ठ प्राकृतिक स्थिति और बेहतरीन पारिस्थितिक संरक्षण से शिनयांग क्षेत्र को खूब दाद मिली है । अतः शिनयांग शहर राष्ट्रीय स्तर वाला पारिस्थितिकि आदर्श शहर ही नहीं , बल्कि चीन के श्रेष्ठ पर्यटन शहरों की गिनती में भी आता है । 2009 में वह चीन के ऐसे दस बड़े शहरों की गिनती में आ गया है , जो दिनचर्या गुजारने और रहने के लिये सब से लायक हैं ।

शिनयांग का ची कुंग यानी मुर्गा सिर पर्वत चील के प्रसिद्ध रमणीय सथलों में से है , इस पर्वत की चोटी पर एक ऐसा बड़ा काला पत्थर है , जिस का आकार प्रकार मुर्गे का सिर मालूम पड़ता है , इसलिये वह ची कुंग यानी मुर्गा सिर पर्वत के नाम से जाना जाता है । इस पर्वत पर बहुत से भू दृश्य देखने को मिलते हैं , पेइचिंग शहर से आयी पर्यटक सुश्री चांग चीकुंग पर्वत के दौर पर आयी है , वह वहां की ठंडी ताजा हवा व मीठे झरने की प्रशंसक है । उस का कहना है

कब से ही सुन लिया है कि शिनयांग का ची कुंग पर्वत हमारे देश के विख्यात रमणीक पर्यटन स्थलों में से एक है , आज यहां आने के बाद मुझे सचमुच बहुत सुंदर लगता है , बहुत दर्शनीय है।

इस पहाड़ी पर्यटन क्षेत्र का तापमान शहरी क्षेत्र से काफी नीचा है , मुर्गे सिर जैसी चोटी पर झरना बड़ा मनमोहक है , पानी भी बहुत मीठा है , यह मीठा पानी पीने के बाद सारा शरीर एकदम ताजा लगता है ।

शिनयांग पर्वतों व पानी से जुड़ा हुआ है । मध्य चीन की प्रथम झीलके नाम से नामी नानवान झील इसी क्षेत्र में अवस्थित है । नानवान झील का क्षेत्रफल 443 वर्गकिलोमीटर विशाल है , वह हांगचओ शहर की शी हू झील से 12 गुने से अधिक बड़ी भी है । झील में बिखरे हुए 61 छोटे टापू चमकदार मोती की तरह पर्यटकों को आकर्षित करते हैं । चंग चओ शहर रहने वाले पर्यटक हाऊ कई बार घूमने यहां आ चुके हैं ।

उन्हों ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि घूमने के लिये कल यहां आ पहुंचा , कई बार नानवान झील पर्यटन स्थल आ गया हूं , बड़ा अच्छा लगता है , मुझे पर्वतों व पानी से बड़ा लगाव है ।

हरे भरे टापू नानवान झील को अत्येंत खूब सूरत बना देते हैं , यह अनुपम प्राकृतिक दृश्य देखकर मन बड़ा खुश होता है , विदेशी पर्यटक भी इस अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य पर मोहित हो जाते हैं । चेक से आये इरी यहां के प्राकृतिक दृश्य से बहुत प्रभावित हुए हैं ।

उन का कहना है कि मुझे चीन आये हुए चार साल हो गये हैं , पर पहली बार होनान प्रांत आया हूं । मुझे मालूम है कि नानवान झील इसी क्षेत्र का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है । मुझे बड़ी खुशी हुई है कि आज यहां घूमने का मौका मिला है । क्योंकि मेरी जन्मभूमि किसी बड़े शहर में न होकर एक प्राकृतिक परिवेश से भरे पर्यटन स्थल में ही है , इसलिये मुझे लगता है कि मानो अपने घर में ही लौट आया । यहां का वातावरण बहुत सुंदर व ताजा है , मेरे घर जैसा है । बाद में यदि मौका मिलेगा , मैं जरूर एक बार फिर घूमने आऊंगा ।

आज के पर्यटकों के लिये प्राकृतिक सौंदर्य को आंखें भर कर देखना नाकाफी है , वे विशेष स्थानीय व्यंजन चखने पर भी संतुष्ट हो जाते हैं । शिनयांग न सिर्फ अपनी ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विशेषताओं से पर्यटकों को अपनी ओर खिंच लेता है , बल्कि यहां का सांसारिक रीति रिवाज भी अलग ढंग का है , जिस में आहार संस्कृति बहुत चर्चित है । शिनयांग शहर के प्रशासनिक क्षेत्र में कुल 8 कांऊटियां व दो डिस्ट्रिक्ट शामिल हैं , इन क्षेत्रों में अपनी अपनी विशेष आहार विशेषताएं देखने को मिलती हैं । मसलन इन क्षेत्रों में बत्तख , मुर्गी , मछली से तैयार स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजन बहुत लोकप्रिय हैं ।

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