सन् 1960 में हरेन कोबिता तेयेव (Haren Kobita Teyev) द्वारा बनाया गया "द डेविल्स ब्लास्ट फर्नेस" (The devil's blast furnace) नाम का वृत्तचित्र पहली बार लोगों के सामने दिखाया गया था, जिसमें अफ़्रीका के द ग्रेट लेक्स रीजन (The Great Lakes region of Africa) के केंद्र में स्थित नाईरागोंगो ज्वालामुखी के क्रेटर (Nyiragongo volcano crater) से बाहर आ रहे लावा की झील का दृश्य फिल्माया गया था। इस वृत्तचित्र को कई लोगों ने देखा था, इसे देखने के बाद पूरे विश्व से कई लोगों ने सबसे बड़ी लावा की झील यानी नाईरागोंगो ज्वालामुखी को देखने की इच्छा ज़ाहिर की थी।
वर्ष 2010 के जून में वैज्ञानिकों और साहसी अन्वेषकों के एक दल ने नाईरागोंगो ज्वालामुखी के क्रेटर में प्रवेश करके लावा झील के किनारों को खोजने का काम किया। फोटोग्राफर ओलीवर ग्रनवाल्ड (Olivier Grunewald ) ने लावा झील के सबसे नज़दीक यानी एक मीटर के फासले पर पहुंचकर वहां पर कुछ क्लोज़ फ्रेम फोटो खींची, नीचे देखिये, "द डेविल्स ब्लास्ट फर्नेस" का रहस्यपूर्ण और शानदार दृश्य।