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पोलैंड के वारसा खेल संग्रहालय के प्रधान के साथ साक्षात्कार
2013-06-13 15:26:26

गर्मी के दिनों के एक शाम को हमारे संवाददाता ने पेइचिंग स्थित पोलैंड के दूतावास में प्रवेश किया, वहां पोलैंड के खेल संग्रहालय के प्रधान थॉमस जगोजिंस्की का इंटरव्यू लिया।

पोलैंड के खेल जगत के प्रसिद्ध प्रतिनिधि के रुप में जगोजिंस्की एक जाना-पहचाना नाम है। उन पर संस्कृति का प्रसार-प्रचार व आदान-प्रदान करने की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। वारसा खेल संग्रहालय के प्रधान बनने से पहले वे पोलैंड फुटबाल संघ के प्रवक्ता थे।

यह जगोजिंस्की की पहली चीन यात्रा नहीं है। दो साल पहले भी वे श्यामन गये, और वहां स्थित ओलंपिक संग्रहालय का दौरा किया। लेकिन पेइचिंग का दौरा उनके लिये एक नया अनुभव है। इन्टरव्यू के शुरू से ही उन्होंने अपने संग्रहालय के बारे में बताया। उन्होंने कहा, हमारा संग्रहालय विश्व में सबसे अच्छे खेल संग्रहालयों में से एक है। यह केवल मेरा विचार नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी की राय भी यही है। दो साल पहले उन्होंने हमें विश्व श्रेष्ठ संग्रहालय संबंधी योजना में शामिल करने का आमंत्रण दिया। इस योजना में विश्व के कुल 15 खेल संग्रहालय शामिल हैं। उनमें दो चीन के हैं। यह जाहिर है कि हमारे संग्रहालय का स्तर उन्नत है।

संग्रहालय के प्रधान के रुप में जगोजिंस्की का कार्य आसान नहीं है। उन्होंने कहा, मैं हमेशा संग्रहालय से जुड़े कार्यों में व्यस्त रहता हूं। इस वर्ष हमारे संग्रहालय की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ है। इसलिये हम बहुत व्यस्त हैं। हमने कई योजनाओं को पूरा किया। खासतौर पर पिछले वर्ष पोलैंड में यूरोपीय फुटबाल चैंपियशिप आयोजित हुई। यह पोलैंड के इतिहास में सबसे बड़ा खेल समारोह है। इस दौरान हमने कई गतिविधियां व प्रदर्शनियां आयोजित की, और तमाम पर्यटकों व दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। जो एक सफल प्रयास रहा।

अपने संग्रहालय पर जगोजिंस्की बहुत गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि वारसा संग्रहालय में सामान्य खेल सामग्री के अलावा विश्व की कुछ एकमात्र चीजें भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा, वारसा खेल संग्रहालय में आधुनिक सामग्री के अलावा परिपक्व आपरेटिंग व्यवस्था भी है। हम पोलैंड की राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के साथ एक इमारत में काम करते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे संग्रहालय में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1940 व वर्ष 1944 में जर्मनी शिविर में आयोजित ओलंपिक खेल समारोह की स्मारक वस्तुएं प्रदर्शित हैं, जो विश्व में एकमात्र हैं। उस समय युद्ध के कारण ओलंपिक समारोह रद्द हुआ। लेकिन शिविर में स्थित पोलिशों ने स्वयं ओलंपिक का आयोजन किया। उनमें वर्ष 1944 में आयोजित ओलंपिक के एक मुख्य आयोजक अब भी जीवित हैं। वे 104 वर्ष की उम्र के हो चुके हैं। पिछले वर्ष श्रेष्ठ संग्रहालय की योजना ने द्वितीय युद्ध में खेल कार्य के प्रति उनके योगदान के लिये उन्हें एक पदक भी प्रदान दिया। हमारे पास उस वक्त की 170 से ज्यादा खेल सामग्रियां उपलब्ध हैं। उनमें ओलंपिक झंडा, प्रमाण पत्र, पोस्टर, पुस्तक, खिलाड़ियों की सूची आदि शामिल हैं। और सभी चीजें असली हैं। ऐसी वस्तुएं अन्य संग्रहालयों में नहीं मिलती। क्योंकि इसमें द्वितीय युद्ध के खेल का इतिहास शामिल है। इसलिये हर वर्ष कई संवाददाता हमारे संग्रहालय में आकर इन्टरव्यू लेते हैं।

इन्टरव्यू के अंत में संवाददाता ने फुटबाल से जुड़े कुछ सवाल पूछे। हाल के कई वर्षों में चीन में फुटबाल का विकास बहुत धीमा व जटिल रहा है। जिससे चीनी फुटबाल प्रेमी बहुत दुःखी हुए। लेकिन पोलैंड में श्रेष्ठ खिलाड़ी दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं, जो विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। फुटबाल के विकास पर जगोजिंस्की ने कहा, सबसे महत्वपूर्ण बात युवाओं का प्रशिक्षण है। बच्चों के लिये फुटबाल का प्यार अहम है। जीत या हार पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिये। प्रशिक्षकों से कम समय में जीत हासिल करने की मांग नहीं करनी चाहिये। युवाओं के प्रशिक्षण का परिणाम शायद पांच या सात वर्षों के बाद सामने आ सकता है।

चंद्रिमा

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