130605ss
|
चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग 7 से 8 जून तक अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया राज्य में स्थित वॉल्टर एंड लेओनोर एनेन्बर्ग एस्टेट में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ भेंट-वार्ता करेंगे। अमेरिका के कई क्षेत्रों की जानी मानी शख्सियतें इस भेंटवार्ता की प्रतीक्षा में हैं। उनका मानना है कि मौजूदा भेंट-वार्ता से भविष्य में चीन-अमेरिका संबंधों में एक नई शुरुआत होगी।
शी चिनफिंग और बराक ओबामा के बीच जून के शुरुआत में भेंट-वार्ता होने की खबर से अमेरिका के विभिन्न क्षेत्रों में भारी प्रक्रियाएं आ रही हैं। उन्होंने एक स्वर में कहा कि ये वार्ता बहुत महत्वपूर्ण और सार्थक है, इसके दूरगामी असर होंगे। चीन में अमेरिका के पूर्व राजदूत स्टेप्लेटन रॉय के विचार में मौजूदा वार्ता से भविष्य में चीन-अमेरिका संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा सुनिश्चित होगी। उनका कहना है:
"मेरा विचार है कि वार्ता कुछ क्षेत्रों से संबंधित होगी, जिनमें चीन और अमेरिका के बीच नए उभरते हुए बड़े देशों के बीच होने वाले संबंधों की स्थापना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक प्रतिसपर्द्धा संबंध स्थिर होगी। इसके अलावा वार्ता में दोनों देशों के नेता कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति, मध्यपूर्व के हालात और द्विपक्षीय आर्थिक व्यापारिक संबंधों जैसे ठोस विषयों पर भी विचार विमर्श करेंगे। मेरा विचार है कि उनकी वार्ता में चर्चित विषयों में मैक्रो रणनीतिक मार्गदर्शन के कार्यक्रमों के अलावा द्विपक्षीय संबंध की वर्तमान स्थिति के साथ साथ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी शामिल होंगे।"
अधिकतर अमेरीकियों और मीडिया के विचार में अमेरिका के"एशिया प्रशांत में पुनः संतुलन"रणनीति, चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक विवाद, खासकर हाल ही में गर्माया मुद्दा साइबर हमला विवाद भी इस चर्चा का हिस्सा होंगे। लेकिन नोबेल अर्थशास्त्री पुरस्कार विजेता माइकल स्पेंस ने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष अपना पूरा ध्यान इन मुद्दों पर नहीं लगाएंगे। वे संभवतः विश्व के लिए लाभदायक, स्थिर और खुले आर्थिक वातावरण को बनाने और इसकी रक्षा करने पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा:
"हमें आशा है कि दोनों देशों के शीर्ष नेता ज्यादा बुनियादी मुद्दे पर विचार विमर्श करेंगे, मुद्दा यह है कि इस वार्ता के दस वर्षों बाद दोनों देशों की आर्थिक स्थिति और दोनों के ही आर्थिक समुदायों के बीच इसका पारस्परिक असर कैसा होगा। इसे साकार करना आसान नहीं है। हमें आशा है कि दोनों नेता मौजूदा वार्ता से पारस्परिक सहयोग का ढांचा स्थापिक करेंगे। वे अपनी नेतृत्व शक्ति से विश्व में एक स्थिर आर्थिक वातावरण बनाएंगे।"
चीन और अमेरिका के बीच सहयोग की चर्चा में अमेरिकी जनरल सैम्युएल लॉकलीयर ने कुछ समय पूर्व कहा था कि अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्द्धा संबंध मौजूद है, लेकिन दोनों देशों के बीच मतभेद से कहीं ज्यादा घनिष्ठ आपसी सहयोग है। उनका कहना है:
"मुझे विश्वास है कि चिरस्थाई द्विपक्षीय सहयोग दोनों देशों के समान रणनीतिक हितों पर निर्भर है। इस आधार पर चीनी और अमेरिकी सेनाओं के बीच समझ और आपसी विश्वास बढ़ाया जाएगा, विवाद और बुरी प्रतिस्पर्द्धा का निवारण किया जाएगा।"
जनरल सैम्युएल लॉकलीयर ने कहा कि अमेरिकी और चीनी सेनाओं के बीच आवाजाही में पर्याप्त प्रगति मिली है। भविष्य में दोनों पक्षों को ज्यादा सदिच्छापूर्ण बातचीत करना चाहिए। चीन और अमेरिका को व्यक्तिगत मतभेद को दूर कर क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी मामलों पर सहमति बनाना चाहिए। क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच संघर्ष पैदा होना विश्व के लिए हितकार नहीं है।
हमारे संवाददाता के साथ हुए साक्षात्कार में अमेरिकी विशेषज्ञों और विद्वानों ने एक स्वर में कहा कि चीनी और अमेरिकी नेताओं की शिखर वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों के दीर्घकालिक विकास पर विचार विमर्श किया जाना चाहिए, ताकि इस संबंध के चिरस्थाई विकास के लिए लक्ष्य और ढांचा बनाया जा सके।
(श्याओ थांग)