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दो जून को 12वां एशिया सुरक्षा सम्मेलन यानी शांगरी-ला वार्ता में भाग लेने वाले चीनी प्रतिनिधि के अध्यक्ष, चीनी जन मुक्ति सेना के डिप्टी चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ छी च्यानक्वो ने इसी दिन एशिया और प्रांत सुरक्षा की नई स्थिति के संदर्भ में भाषण दिया और चीन के आस-पड़ोस के मुख्य बिन्दुओं को लेकर प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने कहा कि चीन अविचल रूप से शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर डटा रहेगा। साथ ही उन्होंने विभिन्न देशों से समान विकास करने और सलाह मशविरे से विवादों का समाधान करने की अपील की।
दो जून को सूबह चीनी जन मुक्ति सेना के डिप्टी चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ छी च्यानक्वो ने"हाथ मिलाकर खतरों और चुनौतियों का मुकाबला करें, एशिया और प्रशांत के समान विकास साकार करें"शीर्षक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा की आम स्थिति स्थिर है। शांति की खोज, सहयोग के संवर्द्धन, विकास की मज़बूती और समान जीत की प्राप्ति विभिन्न देशों की समान अभिलाषा है। चीन अविचल रूप से शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर डटा रहेगा। इसकी चर्चा में उन्होंने कहा:
"चीन के विकास और समृद्धि एशिया और प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों के लिए खतरा और चुनौतियों की बजाय अहम मौका हैं। अपने खुद के विकास की बजाय समान जीत है। विकास की बाधा के बजाय प्रेरक शक्ति हैं।"
उल्लेखनीय बात यह है कि मौजूदा शांगरी-ला वार्ता में फिलिपींस के रक्षा मंत्री वोल्टारिए गाज़्मिन ने छी च्यानक्वो के बाद भाषण दिया। हाल में चीन और फिलिपींस के बीच दक्षिण चीन महासागर संबंधी प्रभूसत्ता विवाद लगातार पैदा हुए। इस तरह दोनों देशों के उच्च स्तरीय सैन्य नेताओं का एक ही मंच पर भाषण देने से लोगों का ध्यान ज्यादा केंद्रित हुआ हैं।
प्रश्न-उत्तर के चरण में समुद्री सुरक्षा मौजूदा शांगरी-ला वार्ता का प्रमुख बिन्दु बन गया। वार्ता में उपस्थित विभिन्न देशों के विद्वानों और विशेषज्ञों ने पूर्वी सागर और दक्षिण चीन महासागर में चीनी सेना का गश्त लगाना, ह्वांगयान द्वीप और त्याओयू द्वीप जैसे मुद्दों को लेकर छी च्यानक्वो से एक के बाद एक सवाल पूछे गए। पूर्वी सागर और दक्षिण सागर में चीनी सेना का गश्त लगाना दूसरे देश पर खतरा है या नहीं। यह पूछे जाने पर छी च्यानक्वो ने चीन की दृष्टिकोण बताते हुए कहा:
"पूर्वी सागर और दक्षिण चीन महासागर की प्रभूसत्ता पर चीन सरकार का रूख स्पष्ट है। चीनी जंगी जहाज़ों का इन स्थलों पर गश्त लगाना बिलकुल उचित है।"
चीन और फिलिपींस के बीच ह्वानयान द्वीप विवाद और फिलिपींस के इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय अदालत में पेश करने की चर्चा में छी च्यानक्वो ने कहा कि दक्षिण चीन महासागर के मुद्दे पर चीन का रूख हमेशा स्पष्ट है, जिसका ऐतिहासिक और कानूनी आधार है। चीन वार्ता से विवादों का समाधान करने का पक्षधर है। दक्षिण चीन महासागर की स्थिरता को बनाए रखने और क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने के लिए चीन ने अथक कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि चीन ने आसियान के विभिन्न देशों के साथ दक्षिण चीन महासागर से जुड़े विभिन्न पक्षों के कार्यान्वयन घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें एक महत्वपूर्ण धारा है कि प्रत्यक्ष प्रभूसत्ता वाले देशों के साथ वार्ता से संबंधित विवादों का समाधान किए जाए। छी च्यानक्वो ने कहा:
"चीन और फिलिपींस इस घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले देश हैं, इस तरह हमें घोषणा-पत्र में दिए गए वचनों का संजीदगी के साथ पालन करना चाहिए। चीन और फिलिपींस के बीच ह्वानयान द्वीप विवाद को दूर करने के लिए वार्ता का रास्ता खुला है। इसे अंतरारष्ट्रीय अदालत में पेश करने की कोई जरूरत नहीं हैं। हमें समानता के आधार पर सलाह मशविरे से इस विवाद का समाधान करना चाहिए।"
चीन के इस रूख को लेकर शांगरी-ला वार्ता में उपस्थित विद्वानों और विशेषज्ञों ने फिलिपींस के रक्षा मंत्री वोल्टारिए गाज़्मिन से संबंधित सवाल किये। उन्होंने कहा:
"फिलिपींस का मानना है कि पंचनिर्णय से विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीका है। हमें आशा है कि चीन फिलिपींस की प्रभूसत्ता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करेगा। पंचनिर्णय मैत्रीपूर्ण प्रणाली है। आशा है कि इससे चीन-फिलिपींस संबंध को क्षति न पहुंचेगी।"
लेकिन गाज़्मिन ने यह भी कहा कि फिलिपींस दूसरे देशों के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता करने को तैयार है, ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता को बनाया रखा जा सकें।
त्याओयू द्वीप के सवाल को अलग रखकर इसका भविष्य में समाधान किया जाएगा, इसकी चर्चा में चीनी जन मुक्ति सेना के डिप्टी चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ छी च्यानक्वो ने कहा कि चीन इस रूख पर डटा रहेगा। 20 साल पहले पूर्व चीनी नेता तङ श्याओफिंग ने राजनीतिक बुद्धि का परिचय देते हुए विवाद को अलग रखने का विचार पेश किया। छी च्यानक्वो ने कहा:
"वास्तव में वर्तमान में पूर्वी सागर और दक्षिण चीन महासागर संबंधी विवादों का पूरी तरह समाधान करने की शर्त परिपक्व नहीं है। हमें आशा है कि संबंधित पक्ष पर्याप्त रणनीतिक धैर्य बरकरार रखेंगे।"
चीन और प्रशांत महासागरीय देशों के संबंधों की चर्चा में छी च्यानक्वो ने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर वर्तमान विश्व का ध्यान केंद्रित हुआ है। विश्व का आर्थिक महत्व इसी क्षेत्र तक स्थानांतरण किया जा रहा है। लेकिन इसका मतलब हरगिज नहीं है कि एशिया प्रशांत रणनीतिक लड़ाई का केंद्र बनेगा। विभिन्न पक्षों को शांति, विकास और सहयोग के साथ सहअस्तित्व में रहना चाहिए।