दोस्तो, 20 मई को 52वीं विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप अपने अंतिम दिन की प्रतियोगिताएं फ़्रांस के पेरिस में समाप्त हुईं। उसी दिन महिला युगल व पुरुष एकल के चैंपियन पैदा हुए। अब पढ़िये विस्तार से एक रिपोर्ट।
20 मई को दोपहर बाद महिला युगल व पुरुष एकल के फाइनल मैच खेले गए। व्यायामशाला में दर्शकों ने जोश भरे संगीत में तालियां बजायी और वाहवाही की, जिससे प्रतियोगिता का शानदार आगाज़ हुआ।
सबसे पहले महिला युगल का फाइनल खेला गया। पहली वरीयता प्राप्त खिलाड़ी क्वो यूए व ली श्याओ श्या ने 4-1 के अंक से तिंग निंग व ल्यू शी वन को हराकर तीसरी बार इस इवेंट की चैंपियनशिप जीती। गौरतलब है कि ली श्याओ श्या ने महिला एकल जीतने के साथ-साथ महिला युगल में भी चैंपियनशिप जीती। जो इस विश्व चैंपियनशिप में दो चैंपियनशिप हासिल करने वाली पहली खिलाड़ी बन गयी हैं। ली श्याओ श्या के विचार में डबल्स प्रतियोगिता में आदान प्रदान बहुत महत्वपूर्ण है। और वे इस मैच में उन दोनों के बीच सहयोग से काफ़ी संतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमारे बीच आदान-प्रदान अन्य लोगों से ज्यादा अच्छा है। और हमारी चैंपियनशिप जीतने की इच्छा भी ज्यादा तीव्र है। इसलिये हम मैच में एक व्यक्ति जैसे खेलते थे। और हम अच्छी तरह से एक दूसरे के पूरक भी हैं, जिससे प्रतिद्वंद्वी को कोई मौका नहीं मिल पाता। अगर मेरे पार्टनर की तकनीक में कोई समस्या हो, तो मैं ज़रूर उन्हें बताऊंगी। मेरे साथ भी वे ऐसा ही करेंगी। हमने मन में क्या सोचा, क्या पाया, और क्या खोया, हम एक दूसरे को बताती हैं। इसलिये प्रतियोगिता खेलते समय हम झिझक के बिना आराम से खेलती हैं।
उधर हालांकि रनर अप तिंग निंग व ल्यू शी वन फ़ाइनल में हार गयी, लेकिन इस प्रतियोगिता से उन्हें बहुत अनुभव हासिल हुआ। तिंग निंग के ख्याल से उनमें सुधार की काफी गुंजाइश है। क्योंकि इस बार वे पहली बार डबल्स के रूप में खेली, इसलिये उस दिन का प्रदर्शन तो काफ़ी ठीक हो गया । तिंग निंग ने कहा, क्योंकि इससे पहले हम एक साथ नहीं खेलती थी। केवल पेरिस जाने से पहले बंद प्रशिक्षण में पहली बार युगल के रूप में खेली थी। शुरू में बहुत समस्याएं हुई , पर बंद प्रशिक्षण व लगातार आदान-प्रदान करने से हमने इस प्रतियोगिता की परीक्षा पास की। मुझे आशा है कि इस प्रतियोगिता से हम अनुभव सीखकर आगामी मैचों में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
महिला युगल के फ़ाइनल के बाद पुरूष एकल का फ़ाइनल हुआ। यह मैच विश्व में तीसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी च्यांग ची खो व उनके साथी चौथी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी वांग हाओ के बीच हुआ। दोनों ने छह मैचों की तीव्र प्रतिस्पर्द्धा के बाद च्यांग ची खो ने 4:2 के अंक से वांग हाओ को हराकर चैंपियनशिप जीती।
इस प्रतियोगिता में मिली सफलता की चर्चा में च्यांग ची खो ने कहा, मैंने अपने साथी वांग हाओ के साथ फ़ाइनल में प्रवेश किया। वास्तव में हम दोनों का स्तर बराबर है। पर खेलने में अच्छी मनोवृत्ति बहुत महत्वपूर्ण है। इस पक्ष में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। और इस मैच में मैं बहुत सौभाग्यशाली भी था। गौरतलब है कि फ़ाइनल से पहले प्रशिक्षक ल्यू क्वो ल्यांग ने मेरे साथ बहुत बात की, जो मेरे लिये फायदेमंद रही। इसलिये आज की प्रतियोगिता में मैं आराम से खेला, और इसके परिणाम पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
उधर वांग हाओ ने भी प्रतियोगिता में बहुत अच्छा किया, जिन्हें बारी बारी से दर्शकों की वाहवाही मिली। हालांकि चैंपियनशिप नहीं जीती, लेकिन वे अपने प्रदर्शन से निराश नहीं हैं। उन्होंने कहा, इस मैच में मैंने बड़ी कोशिश की । मैं इस मैच को एक उपहार के रुप में मा लीन व वांग ली छिन समेत सभी पुराने खिलाड़ियों को प्रदान करना चाहता हूं। क्योंकि वे शायद अंतिम बार टेबल टेनिस विश्व चैंपियनशिप में भाग ले रहे हैं। मेरे लिये भी यह शायद अंतिम बार ही है। इस बार मुझे फ़ाइनल में प्रवेश करने का मौका मिला, मुझे बहुत अच्छा लगा। इसलिये मैंने प्रतियोगिता का वातावरण अच्छी तरह से महसूस किया, और इससे खूब मज़ा लिया। यह मेरे लिये काफ़ी हो गया।
20 मई को महिला युगल व पुरुष एकल का फाइनल समाप्त होने के साथ साथ आठ दिवसीय 52वीं टेबल टेनिस विश्व चैंपियनशिप भी फ़्रांस के पेरिस में औपचारिक रूप से समाप्त हो गई। इस बार की चैंपियनशिप में 160 देशों के कुल 900 से ज्यादा खिलाड़ियों ने भाग लिया। अंत में चीनी टीम ने महिला एकल, महिला युगल व पुरुष एकल तीन इवेंटों की चैंपियन जीत ली।
चंद्रिमा