चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 26 मई को जर्मनी के पाट्सडैम सम्मेलन के पुराने स्थल में भाषण दिया। उन्होंने कहा कि फासिस्ट आक्रमण इतिहास से इनकार करने और इसे सजाने वाले सभी कथन को न्यायिक ताकत स्वीकार नहीं करेगी। युद्ध में मिली जीत के परिणाम से इनकार नहीं किया जा सकता।
ली खछ्यांग ने कहा कि एक चीनी होने के नाते मैं सभी चीनी लोगों की ओर से यह बोलना चाहता हूं कि पोट्सडैस ज्ञापन में काहिरा घोषणा पत्र में निर्धारित सिद्धांतों को दोहराया गया है। वह है जापान को चीन के उत्तर-पूर्व क्षेत्र और थाईवान आदि द्वीपों को वापस देना होगा। यह युद्ध की जीत है और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शांतिपूर्ण व्यवस्था का अहम भाग भी है। विश्व शांति प्रेमियों को शांतिपूर्ण व्यवस्था बनाए रखना चाहिए। युद्ध में मिली जीत के परिणाम से इनकार नहीं किया जा सकता है।
ली खछ्यांग ने कहा कि इतिहास को स्वीकार करने पर ही भविष्य साकार किया जा सकता है। चीन न्यायपूर्ण शक्तियों और शांति प्रेमियों के साथ विश्व शांतिपूर्ण विकास बनाए रखने को तैयार है।
(ललिता)