नेपाल के 3 पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, माधव कुमार नेपाल और बाबूराम भट्टराई ने हाल ही में चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के साथ अपने अलग-अलग साक्षात्कार में चीनी स्वप्न के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि चीन ने बड़ी हिम्मत के साथ विश्व के सामने अपना महान स्वप्न पेश कर उस का प्रचार-प्रसार किया है। यह मानव-जाति खासकर विकासशील देशों की जनता के लिए विशेष महत्व रखता है।
नेपाल संघीय लोकतंत्र गणराज्य के प्रथम प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि चीन के नए नेता ने चीनी स्वप्न से शांति और विकास से बंधी चीनी जनता की आशा दिखायी है। इस स्वप्न को 21वीं शताब्दी में तमाम लोगों का होना चाहिए।
प्रचंड ने कहा कि नेपाल चीन का अच्छा मित्र और पड़ोसी है। नेपाल चीन के चौतरफा विकास पर गौर्वान्वित महसूस करता है और चीनी स्वप्न को साझा करना भी चाहता है।
प्रचंड के विचार में चीनी स्वप्न नेपाल के राष्ट्रीय स्वतंत्रता और राजनीतिक स्थिरता की रक्षा के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये भी महत्वपूर्ण है।
नेपाल के दूसरे पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने कहा चीनी सपने से चीन के विकास में जीवन शक्ति भरी होगी। चीन का भविष्य उज्जवल होगा।
उन्होंने कहा कि चीन अन्य देशों को अपने विकास में प्राप्त अनुभव बताना चाहता है और अपनी वस्तुस्थिति से मेल खाने वाले आर्थिक फार्मूला खोजता रहा है, जिससे नेपाल को सीखना चाहिये।
नेपाल के चौथे पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने कहा कि विश्व शांति, स्थिरता और विकास के कार्य को चीन की आवश्यकता है। चीन का शांतिपूर्ण विकास एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमरीका के विकासशील देशों की जनता को आशान्वित कर रहा है। (रूपा)