चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 22 मई को संवाददाता सम्मेलन में ली खछ्यांग की भारत यात्रा की सफलता के बारे में बातचीत की।
वांग यी ने कहा कि प्रधानमंत्री ली खछ्यांग की भारत यात्रा से चीन और भारत के संबंध और मज़बूत होंगे। चीन और भारत दो बड़ी सभ्यताएं, विकासशील वाले और उभरती हुई आर्थिक शक्तियां हैं। चीन और भारत के एक साथ सहयोग करने से दोनों ही देशों को फायदा होगा लेकिन ये संबंध इससे भी कहीं अधिक बढ़कर हैं। यह संबंध न सिर्फ़ चीन-भारत की जनता के लिये, बल्कि एशिया और विश्व के लिये भी लाभदायक है।
वांग यी ने बताया कि ली खछ्यांग की इस बार की भारत यात्रा का एक लक्ष्य चीन-भारत के बीच रणनीतिक आम सहमति को विस्तार देना है। दोनों पक्षों ने संयुक्त बयान पर बल देते हुए कहा कि चीन और भारत एक दूसरे के साझेदार है, न कि प्रतियोगी। साथ ही दोनों देशों ने बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार के आर्थिक क्षेत्र की स्थापना पर आम सहमति जतायी। इस आर्थिक क्षेत्र की स्थापना से दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया, पूर्वी एशिया और विश्व के विकास को बल मिलेगा।
वांग यी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने भारत के विभिन्न जगतों के लोगों के सामने बार-बार चीन-भारत रणनीतिक आपसी विश्वास को आगे बढ़ाने के महत्व पर ज़ोर दिया। रणनीतिक सहयोग साझेदार की दृष्टि से भारत को इस के लिए प्रोत्साहित किया गया कि वह परस्पर स्वीकार्य समाधान एवं आम हितों को ढूंढने, समग्र परिस्थिति को ध्यान में रखकर मतभेद पर अच्छा नियंत्रण करने का प्रयास करे।
वांग यी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ली खछ्यांग की इस भारत यात्रा पूरी तरह से चीन की नई सरकार के चीन-भारत रणनीतिक सहयोगपूर्ण साझेदार संबंधों को आगे बढ़ाने के संकल्प और आत्मविश्वास को दिखाती है।
(रमेश)