Web  hindi.cri.cn
रणनीतिक सहयोगी साझेदारी संबंधों को मज़बूत करने का निर्णय लिया चीन व भारत ने
2013-05-21 08:45:04
चीनी प्रधान मंत्री ली खछ्यांग ने 20 मई को नयी दिल्ली में भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से वार्ता की और संयुक्त रूप से पत्रकारों से मुलाकात की। दोनों प्रधान मंत्रियों ने शांति व समृद्धि के अन्नमूख चीन व भारत के रणनीतिक सहयोगी साझेदारी संबंधों को और मज़बूत करने का निर्णय लिया, ताकि चीन व भारत दो बड़े बाज़ार और घनिष्ट हो सकें।

20 मई को ली खछ्यांग की भारत यात्रा दूसरे दिन में प्रवेश हुई। 24 घंटों में ली खछ्यांग ने क्रमशः भारतीय प्रधान मंत्री के साथ अनौपचारिक व औपचारिक वार्ता की। ली खछ्यांग ने कहा,कल रात से आज सुबह तक मैंने सिंह के साथ मैत्रीपूर्ण, गहन और सदिच्छापूर्ण वार्ताएं कीं। सब से महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि दोनों देशों के नेताओं ने रणनीतिक सहमति प्राप्त की है और रणनीतिक आपसी विश्वास को प्रगाढ़ किया है।

चीन व भारत दोनों सभ्यता वाले पुराने देश हैं, बड़े विकासमान देश और नवोदित बाजार देश हैं। दोनों देशों की आबादी दुनिया की कुल आबादी की एक तिहाई होती है, जिस ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मज़बूत करने के लिए दृढ़ आधार तैयार किया है। वर्तमान भेंटवार्ता में चीन व भारत ने सिलसिलेवार सहयोग के समझौतों पर संपन्न किए। ली खछ्यांग के अनुसार,दो बड़े विकासमान देशों के बीच चतुर्मुखी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए हम ने रणनीतिक आपसी विश्वास के आधार पर सिलसिलेवार सहयोगी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। अभी अभी मैं और भारतीय प्रधान मंत्री सिंह ने कुछ समझौतों की हस्ताक्षर रस्मों में भाग लिया। अब वे केवल बीज हैं, आशा है कि भविषय में उन्हें फल मिलेंगे।

उसी दिन की वार्ता में चीन व भारत ने व्यापार की स्वतंत्रता, सुविधाकरण और संतुलन को आगे बढ़ाने, द्विपक्षीय पूंजी निवेश का विस्तार करने, द्विपक्षीय क्षेत्रीय व्यापार संबंधी वार्ता शुरू करने, उद्योग उद्यान और बुनियादी संरचनाएं आदि क्षेत्रों का सहयोग करने का निर्णय लिया। दोनों पक्षों ने बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यमार आर्थिक गलियारे का निर्माण करने का आह्वान भी किया। दोनों देशों के प्रधान मंत्रियों ने अर्थतंत्र व व्यापार, कृषि, संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण, द्विपक्षीय आवाजाही आदि क्षेत्रों के 8 सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किया।

चीन व भारत के बीच अभी भी मौजूद सीमांत विवाद की चर्चा में ली खछ्यांग ने कहा,चुंकि हम रणनीतिक साझेदार और अच्छे मित्र हैं, इसलिए हम सदिच्छापूर्ण रूप से दोनों के बीच मौजूद समस्याओं की चर्चा भी करते हैं।हमारा समान विचार है कि हमें सीमांत समस्या की संबंधित व्यवस्था को परिपक्व करना चाहिए और विवादों का अच्छी तरह समाधान करना और नियंत्रण करना चाहिए।

भारतीय प्रधान मंत्री सिंह ने कहा कि चीन व भारत को मौजूदा व्यवस्था का इस्तेमाल करके सीमांत क्षेत्र की स्थिरता की रक्षा करनी चाहिए और वार्तालाप व सलाह मश्विरा के जरिए सीमांत समस्या का समाधान करना चाहिए। उन के अनुसार,हम ने इस पर चर्चा की कि किस तरह मौजूदा व्यवस्था का अच्छी तरह इस्तेमाल किया जाए। हम ने दोनों देशों की सीमांत समस्या के विशेष प्रतिनिधियों का आदेश दिया कि वे यथाशीघ्र ही वार्ता करें कि किस तरह सीमांत क्षेत्र की शांति व चैन को बरकरार रखा जाए।

चीन-भारत संबंध के भविषय के बारे में सिंह ने कहा,चीन व भारत के समान विकास के लिए दुनिया में पर्याप्त स्थल है। हमें और ज्यादा आपसी समझ व विश्वास की स्थापना करनी चाहिए और दोनों के बीच सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार करना चाहिए।

इस के जवाब में ली खछ्यांग ने कहा कि चीन व भारत का समान विकास विश्व आर्थिक विकास की नयी इंजन बनेगा। उन के अनुसार,यदि चीन व भारत समान विकास नहीं करते, तो एशिया शक्तिशाली नहीं बन सकेगा। हम आशा करते हैं कि वसंत में बोना गया बीज शरत में फसल मिल सकेगी। हम प्रधान मंत्री सिंह की चीन यात्रा की प्रतिक्षा में हैं।

(श्याओयांग)

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040