चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 20 मई को भारतीय अखबार द हिन्दू और दैनिक जागरण में हिमालय को पारकर हाथ मिलाएं शीर्षक लेख प्रकाशित किया।
लेख में कहा गया है कि चीन और भारत के सामने अर्थव्यवस्था बढ़ाने, जन जीवन सुधारने और देश का पुनरुत्थान का कार्य मौजूद है, जिसके लिए शांतिपूर्ण बाहरी वातावरण की जरूरत है। दोनों देश वार्ता और सहयोग के जरिए आपसी लाभ और समान जीत हासिल करना चाहते हैं।
ली खछ्यांग ने कहा कि चीन और भारत के सामने ऐतिहासिक कारणों से पीछे छूट गए मामले मौजूद हैं, लेकिन दोनों के बीच समान हित मतभेद से व्यापक हैं। दोनों देश आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए। खुलकर बातचीत पर कायम रहने पर ही इन मामलों का उचित समाधान हो सकेगा।
ली खछ्यांग ने कहा कि शांतिपूर्ण विकास का रास्ता कायम रहना चीनी जनता का अविचल विचार है। चीन और खुले रवैये से दुनिया का सामना करने को तैयार है और आशा करता है कि दुनिया शांतिपूर्ण दृष्टि से चीन को देखेगी।
अंत में ली खछ्यांग ने कहा कि एशिया का भविष्य चीन और भारत पर निर्भर है। चीन और भारत द्वारा अपने बीच सहयोग करना एशिया और दुनिया के लिए लाभदायक है। चीन और भारत के समान विकास करने से दोनों देशों की जनता को फायदा अवश्य ही मिल जाएगा और दुनिया के लिए भी और मौके दिए जाएंगे।
(ललिता)