印度百人团
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चीनी विदेश मंत्रालय ने 16 मई को आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में प्रधानमंत्री ली ख छ्यांग की आगामी एशिया और यूरोप यात्रा के बारे में जानकारी दी। उप विदेश मंत्री सोंग थाओ ने कहा कि यह यात्रा प्रधानमंत्री बनने के बाद ली ख छ्यांग की पहली विदेश यात्रा होगी और यह चीन की नई सरकार का एक अहम राजनयिक कार्यक्रम भी है।
चीनी प्रधानमंत्री विदेश दौरे में भारत, पाकिस्तान, स्विटजरलैंड और जर्मनी जाएंगे। ये चारों में न सिर्फ बड़े देश, बल्कि पड़ोसी और विकासशील देश भी शामिल हैं। इन देशों का चुनाव क्यों किया गया ? यात्रा के दौरान क्या क्या उपलब्धियां हासिल होंगी? इस पर चीनी उप विदेश मंत्री सोंग थाओ और उप वाणिज्य मंत्री च्यांग याओ फिंग ने 16 मई को आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में यह कहा।
सोंग थाओ ने कहा कि भारत चीन का महत्वपूर्ण पड़ोसी देश, बड़ा विकासशील और नवोदित देश है। चीन और भारत के बीच आपसी लाभ वाले सहयोग की व्यापक संभावना होने के साथ साथ इसका रणनीतिक महत्व और वैश्विक प्रभाव है। ली ख छ्यांग ने पहली यात्रा के पहले पड़ाव के लिए भारत को चुना। इससे जाहिर है कि चीन की नई सरकार चीन-भारत संबंधों पर बड़ा ध्यान देती है। सोंग थाओ ने कहाः
"चीन को उम्मीद है कि यात्रा से चीन-भारत रणनीतिक साझेदारी बढ़ेगी और साथ ही पूंजी, व्यापार और बुनियादी संस्थापनों के निर्माण आदि क्षेत्रों में सहयोग मजबूत होगा। जबकि सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आपसी समझ और अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों में संपर्क बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया जाएगा।"
बताया जाता है कि वर्तमान में चीन भारत का दूसरा बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत दक्षिण एशिया में चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2012 में दोनों देशों के बीच 66 अरब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ।
वहीं पाकिस्तान चीन का अहम पड़ोसी देश और सभी मौसमों के अनुरूप रणनीतिक साझेदार है। मूल हितों से जुड़े मुद्दों पर दोनों देश हमेशा से एक दूसरे को समझते हैं और समर्थन देते हैं। पाकिस्तान में हाल ही में संसदीय चुनाव संपन्न हुए हैं, और नई सरकार का गठन होने वाला है। ली ख छ्यांग इस समय पाकिस्तान की यात्रा करेंगे, जिससे चीन-पाकिस्तान मैत्री प्रतिबिंबित होगी। सोंग थाओ ने कहाः
"ली ख छ्यांग इस बार पाकिस्तान का दौरा करेंगे। इससे जाहिर है कि चीन की नई सरकार पाकिस्तान के साथ संबंधों को व्यापक महत्व देती है। दोनों देशों के बीच परंपरागत मैत्री और रणनीतिक सहयोग मजबूत करने का अहम महत्व है।"
यात्रा करने से पहले चीनी प्रधानमंत्री ली ख छ्यांग ने 15 मई को चीन सरकार के मुख्यालय चोंग नान हाई में भारतीय युवाओं से मुलाकात की। उन्होंने भारतीय युवाओं से मिलने पर खुशी जाहिर की। ली ख छ्यांग ने कहा
"युवाओं, मैं बहुत खुश हूं कि भारत की यात्रा करने से पहले आप लोगों से मुलाक़ात हो रही है। मैं चीन सरकार की ओर से भारतीय युवा प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करता हूं और सभी युवाओं को शुभकामना देता हूं।
गौरतलब है कि सौ भारतीय युवाओं के दल ने 13 मई को पेइचिंग पहुंचकर चीन की यात्रा शुरू की। चीन की 10 दिवसीय यात्रा के दौरान चोंग नान हाई में चीनी प्रधानमंत्री से मिलने का अनुभव प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के लिए काफी अहम होगा। भारतीय युवा, नई दिल्ली के राजीव पांडे ने आशा जताई कि ली ख छ्यांग की भारत यात्रा सफल होगी।
चार दिन के बाद चीनी प्रधानमंत्री ली ख छ्यांग भारत के लिए रवाना होंगे। यह प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा होगी। यात्रा से पहले भारतीय युवाओं के साथ मुलाकात करना चीन-भारत संबंधों का विकास बढ़ाने की चीन सरकार की इच्छा को दर्शाता है। इससे यह भी साबित होता है कि कुछ समय पहले चीन-भारत के बीच सीमा पर हुए तनाव का हल हो चुका है। चीन-भारत संबंध इससे प्रभावित नहीं हुए हैं। एशिया में अहम पड़ोसी देश होने के नाते चीन-भारत संबंधों में मैत्रीपूर्ण सहयोग मुख्य धारा में हैं। समान हित हमेशा से मतभेद से व्यापक हैं। भारतीय युवाओं के साथ मुलाकात में ली ख छ्यांग ने चीन-भारत संबंधों के अच्छे भविष्य की कामना की। उन्होंने कहाः
"चीन और भारत महत्वपूर्ण पड़ोसी देश और साझेदार हैं। दोनों देशों के सामने विकास के भारी कार्य और अहम मौके मौजूद हैं। दोनों देश शांतपूर्ण सहअस्तितव और बहुध्रुवीय वैश्विक संबंधों का पक्ष लेते हैं। चीन और भारत द्वारा एक दूसरे की चिंताओं का ध्यान रखना और मतभेद का उचित समाधान करना न सिर्फ एशिया, बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभदायक है बल्कि दोनों देशों की जनता को भी इससे व्यापक लाभ मिलेगा। चीन और भारत एशिया और दुनिया के विकास और समृद्धि के लिए बड़ी जीवित शक्ति देंगे।"
मुलाकात के बाद ली ख छ्यांग ने दोनों देशों के युवाओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं को चीन-भारत संबंधों के वास्तविक और दीर्घकालीन महत्व को समझने के साथ साथ मैत्री का भागीदार बनना चाहिए। ली ख छ्यांग ने कहा
"अपेक्षा को अमल में लाकर युवा पीढ़ी की आवाजाही में आधार बनाना चाहिए। हमारे दोनों देशों के युवा सभी मौकों का लाभ उठाएं, ताकि चीन-भारत मैत्री को बढ़ावा देने के साथ साथ दोनों देशों के युवाओं और जनता को फायदा मिल सके।"