जैसा कि आप को मालूम है कि वर्तमान चीन का अधिकांश भाग कड़ाके की सर्दी से ग्रस्त है , उत्तर पूर्वी चीन का साधारण तापमान मानस के नीचे दसियों सेल्सियस डिग्री होता है , कुछ क्षेत्रों में भारी बर्फ पड़ती है और शीत लहर चलती है । जबकि दक्षिण चीन के हाईनान प्रांत के सान या शहर में हरियाली छायी रहती है और औसत तापमान बीस सेल्सियस डिग्री होता है , मौसम अत्यंत सुहावना है और चारों तरफ वसंत का पर्यावरण व्याप्त रहा है। इतना मनमोहक पर्यटन स्थल देशी विदेशी पर्यटकों को मोह लेना स्वाभाविक बात है ।
सान या का औसत वार्षिक तापमान 23 सेलसियस डिग्री होता है , गर्मियों में ज्यादा गर्मी नहीं है और सर्दियों में ज्यादा सर्दी भी नहीं है , सालभर में मौसम बहुत सुहावना रहता है । जी हां , कड़ाके की गर्मियों में दोपहर को ज्यादा गर्मी लगती है , पर सुबह व शाम को समुद्री हवा चलने से काफी ठंडक लगती है । सानया शहर में कार्यरत पेइचिंग वासी चांग यू को इसी कारण सान या से बड़ा लगाव हुआ है । उन्हों ने अपना अनुभव बताते हुए कहा
मैं अपनी छोटी उम्र में पढ़ने के लिये रुस गयी , स्नातक होने के बाद मैं ने सानया शहर का विकल्प कर लिया , यह शहर वाकई अति सुंदर है , मुझे बेहद पसंद आया है । रुस में सालभर में मौसम का समय दस माहों से अधिक है , गर्मियों का मौसम दो माहों से कम है , जबकि सानया 12 महीनों में गर्मियों का मौसम है , यह रुस के साथ सब से बड़ा अंतर है । सानया में गर्मियों का मौसम काफी गर्मी नहीं है , तापमान तीस सेल्सियस डिग्री से अधिक है , पर यहां पर समुद्री हवा चलती है , यदि आप तेज धूप के नीचे नहीं ठरहरेंगे , तो आप को बेहद ठंडक महसूस होती है , शरद के मौसम से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता । मुझे यहां बड़ा अच्छा लगता है ।
उत्तर सानया ऊंचे पर्वत से सटा हुआ है , दक्षिण विशाल समुद्र नजर आता है , यहां की समुद्री रेखा कोई दो सौ किलोमीटर से अधिक लम्बी है । इतना ही नहीं , सानया की समुद्री खाड़ी भी बहुत है , कुलमिलाकर 19 छोटी बड़ी खाड़ियां पायी जाती हैं , जिन में या लुंग खाड़ी , सानया खाड़ी और ता तुंग हाई खाड़ी सब से चर्चित हैं , या लुंग खाड़ी सानया शहर की प्रथम खाड़ी के नाम से नामी है , यहां के रेत सफेद ही नहीं , बहुत सूक्ष्म भी हैं , समद्री लहरें एकदम शांतिमय नजर आती हैं , समुद्र का पानी भी बहुत साफसुथरा है , पानी के दस मीटर की गहराई तक साफ साफ दिखाई देता है , समुद्र के नीचे मूंगी चट्टान अच्छी तरह बरकरार रही हैं और विविधतापूर्ण ऊष्णकटीबंधिय मछलियां तैरते हुए दिखाय़ी देती हैं । कहा जा सकता है कि यहां उच्च कोटि का समुद्री स्नान स्थल ही नहीं , बल्कि कोताखोर का असाधारण स्थल ही है ।
समुद्र चीन के भीतरी इलाके में रहने वाले लोगों का आकर्षण का केंद्र रहा है , सानया का समुद्र इस का अपवाद भी नहीं है । श्या रुंग नामक महिला सछ्वान प्रांत रहने वाली है , इस बार वह विशेष तौर पर समुद्र देखने के लिये अपने घर वालों को लेकर सानया आयी , वह यहां के समुद्र पर सचमुच मोहित हो गयी , सानया के समुद्र ने उन पर सुंदर छाप छोड़ रखी है ।
मुझे समुद्र से एकदम लगाव हो गया है , समुद्र का पानी भी बेहद साफसुथरा है। जहाज पर सवार होकर पानी के नीचे देखने में बहुत सुंदर लगता है । मुझे लगता है कि सानया का समुद्र सब से प्रशंसनीय है ।
सानया का समुद्र विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों को ही नहीं , बल्कि स्थानीय वासियों को भी मोह लेता है । 26 वर्षिय लो व्ई फू का जन्म सानया में हुआ , अब वह एक साइकिल क्लब चलाता है , वह सानया के समुद्र की सभी खाड़ियों से अच्छी तरह परिचित है ।
म्येन मू चो का समुद्र सब से बढिया है , उत्तर के पर्वत पर खेडे होकर आप समुद्री भू दृश्य देखेंगे , तो बड़ा आनन्द मिलेगा ।
लो वई फू के लिये समुद्र देखने लायक ही नहीं , बल्कि समुद्र को नजदीगी से छूने में और बड़ा मजा आयेगा।
हम अपने ढंग से समुद्र से छड़छाड़ करते हैं । हम अकसर सांस लेने का पाइप , चश्मे जैसे गोताखोर साज सामान लेकर समुद्र में खेल जाते हैं , अविकसित समुद्री खाड़ी सब से अच्छी है , क्योंकि वहां के समुद्र के नीचे का भू दृश्य हू ब हू बना हुआ है , बड़ी बड़ी मूंगी चट्टानें और विविधतापूर्ण मछलियां तैरते हुए दिखाई देती हैं , देखने में बड़ा सुंदर लगता है।
जब कोई भी पर्यटक एक बार सानया शहर आया , तो उसे अवश्य ही इसी शहर से लगाव हो जाता है , नरम धूप और स्वच्छ बीज को छोड़कर सान या शहर का आरामदेह जीवन प्रणाली भी लोगों को आकर्षित करती है । यहां के लोग बड़ी निश्चिंतता के साथ जीवन बिताते हैं और उन में कोई तनाव नहीं है । सानया रहने वाले लो व्ई फू ने इस का परिचय देते हुए कहा
सानया शहर में जीवन गति काफी धीमी है , यहां के लोग चाय घर जाना बहुत पसंद करते हैं । यह बड़े शहरों की तुलना में सब से बड़ा फर्क है । क्योंकि सानया का शहर काफी छोटा है , रौनकदार बाजार कम्युनिटियों से नजदीक भी हैं , इधर उधर जाने में कोई जल्दबाजी नहीं है , लोग आराम से अपना गंतव्य स्थल पहुंच सकते हैं , आम तौर पर रास्ते में तीन पांच मिनट लग जाती है । इसलिये किसी भी काम करने में मानसिक तनाव नहीं है , ड्यूटी खत्म होने के बाद घर लौटने के लिये जल्दबाजी से बस पकड़ने की जरूरत भी नहीं है ।
सानया शहर वासी चाय घर जाना सब से पसंद करते हैं । उन की मान्यता में रिश्तेदारों या दोस्तों के साथ चाय पीते हुए गपशप मारना सब से सुखद व आनन्दमय बात है , इसलिये जब उन्हें फुरसत मिलती है , तो अवश्य ही एक दूसरे को चाय घर जाने पर आमत्रित करते हैं ।
हालांकि सानया छोटा तो है , पर वह अपनी विशेष पहचान से लोगों को आकर्शित करता है , खासकर यहां की नरम धूप , ताजा हवा और खूबसूरत समुद्र भी बहुत चर्चित हैं , और तो और सानया वासियों का सीधा सादा स्वभाव व दयालुता पर्यटकों को इतना मोहित करती है कि जब वे एक बार सानया शहर आते हैं , तो फिर छोड़ने को तैयार नहीं ।