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सीरिया पर इजराइली हवाई हमले से सीरियाई संकट का विस्तार
2013-05-06 20:20:23


स्थानीय समयानुसार 5 मई की तड़के इजराइली लड़ाकू विमानों ने सीरियाई राजधानी दमिश्क के उत्तर-पश्चिमी भाग स्थित जमराया सैन्य अनुसंधान केंद्र को निशाना बनाया, जिससे भारी संख्या में आम लोग हताहत हुए।

इजराइल के सैन्य प्रवक्ता ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया। लेकिन इजराइली मीडिया ने देश के उच्च स्तरीय सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से कहा कि हवाई हमले में ईरानी हथियारों की खेप को निशाना बनाया गया। यह हथियार सीरियाई सरकार के सहयोगी लेबनानी आतंकवादी समूह हिज्बुल्ला के लिए थे। रायटर ने पश्चिमी गुप्तचर व्यक्तियों के हवाले से कहा कि इस बार ईरान द्वारा हिज्बुल्ला को भेजे जा रहे ईरानी मिसाइलों को निशाना बनाया गया है। अभी इस खबर की पुष्टि की जा रही है कि हवाई हमले में ईरान द्वारा हिज्बुल्ला को भेजे जा रहे फ़तह-110 आकार वाली मिसाइल के भंडारण उपकरण है या नहीं। हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने एक गतिविधि में हिस्सा लेने के दौरान बल देते हुए कहा कि उनके पास देश की सुरक्षा और भविष्य का भारी दायित्व है। लेकिन उन्होंने हवाई हमले के बारे में मीडिया की रिपोर्ट पर प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं दी।

यह हमला तीन दिनों के भीतर इजराइल द्वारा सीरिया-इजराइल के सीमा क्षेत्र में किया गया दूसरा हवाई हमला है। 3 मई को इजराइल ने इस तरह का ही हमला किया था। उस हमले का उद्देश्य सीरिया सरकार का अपने समर्थक लेबनान हिज्बुल्ला को रासायनिक हथियार देने से रोकना था।

5 मई के हवाई हमले के बाद ईरान ने शीघ्र ही प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मेकमैन पैलासाईट ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इजराइल की कार्यवाही से मध्य पूर्व क्षेत्र में और अस्थिरता का माहौल पैदा होगा। इजराइल और उसके सहयोगी जानबुझकर मुस्लिम देशों के बीच धार्मिक अंतरविरोध फैलाना चाहते हैं। उन्होंने मध्य पूर्व देशों से इजराइल के खिलाफ़ एकजुट होने की अपील की।

ईरान के सैन्य अधिकारियों ने मीडिया के साथ हुए साक्षात्कार में सीरिया का समर्थन किया। रक्षा मंत्री जनरल अहमद वहीदी ने मीडिया से कहा कि इजराइल की इस गतिविधि में अमेरिका की स्वीकृति प्राप्त हैं, जिससे सीरिया के भीतर विपक्षी दलों और उनके विदेशी समर्थकों के बीच संबंध जाहिर हुआ। वहीदी ने कहा कि इजराइल के इस सैन्य हमले से और जबरदस्त इजराइल-विरोधी धारा बढेगा। ईरान की सर्वोच्च सैनिक कमान के प्रतिनिधि जनरल अहमद रज़ा पुरदास्तान का कहना है कि ईरान सीरिया का समर्थन करता है। लम्बे समय से सीरियाई सेना ने इजराइल के साथ मुठभेड़ में बहुत अनुभव प्राप्त किया है और आत्म-रक्षा करने की क्षमता भी है। जरूरत पड़ने पर ईरान सीरिया के सरकारी सैनिकों के प्रशिक्षण में मदद देने को तैयार है।

वहीं संयुक्तराष्ट्र महासचिव बान की-मून ने 5 मई को सीरिया पर हुए इजराइल के हवाई हमले पर अपनी चिंता व्यक्त की। एक वक्तव्य जारी कर कहा गया कि संयुक्तराष्ट्र को इस घटना की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं हैं और इस घटना को लेकर स्वतंत्र जांच करने का रूख भी नहीं हैं। इस वक्तव्य में विभिन्न पक्षों से संयम बरतते हुए जिम्मेदारी के साथ मुठभेड़ के विस्तार से बचने की अपील की हैं। वक्तव्य में यह भी कहा गया कि बान की-मून ने इसी क्षेत्र के सभी देशों से प्रभूसत्ता और प्रादेशिक अखंडता का समादर करते हुए सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव का पालन करने का आग्रह किया है।

वर्तमान में लेबनान और इजराइल के सीमावर्ती क्षेत्र, विशेष कर सीरिया के नज़दीक गोलान पट्टी क्षेत्र के आसपास स्थिति बहुत तनावपूर्ण है। लेबनान और इजराइल की सेना और लेबनान स्थित संयुक्तराष्ट्र संघ की अस्थाई सेना सतर्क हैं, ताकि सीरिया पर इजराइल के हवाई हमले से संभवतः पैदा होने वाली फौजी मुठभेड़ का मुकाबला किया जा सके।

लोकमत है कि सीरिया सरकार इजराइल के आक्रमण गतिविधियों के खिलाफ़ जवाब नहीं देगी। लेकिन भावी कई हफ्तों में हिज्बुल्ला और ईरान सीरिया सरकार के साथ और घनिष्ठ सहयोग करेंगे। इससे सीरियाई संकट संभवतः इस क्षेत्र की मुठभेड़ बन जाएगा। अगर स्थिति और ज्यादा बिगड़ती है, तो सीरियाई संकट का राजनीतिक समाधान असंभव होगा। वर्तमान में संबंधित विभिन्न पक्षों को सीरियाई संकट के राजनीतिक समाधन के लिए वास्तविक कदम उठाना चाहिए, ताकि संकट के और विस्तार से बच सके।

(श्याओ थांग)

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