हाल के दिनों में अफ़गानिस्तान में शांति वार्ता के सभी प्रयास विफल रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की इन कोशिशों का कोई भी प्रभाव देखने में नहीं आया है। ऐसे में अफ़गानिस्तान की सुरक्षा स्थिति अब भी बहुत जटिल व गंभीर है।
अफ़गान मुद्दे पर इस्तांबुल में तीसरी मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद तालिबान ने नए दौर के हमले करने की घोषणा की। और साथ ही उसके द्वारा अफ़गानिस्तान के मध्य व उत्तरी क्षेत्रों में कई हमले किये गए। 28 अप्रैल को तालिबान ने मध्य अफ़गानिस्तान के गज़नी प्रांत में पुलिस के खिलाफ हमला किया,जिसमें इस प्रांत के पुलिस उप प्रमुख मोहम्मद हसन अदेल और उनके दो सुरक्षा गार्ड मारे गए थे।
29 तारीख को बरगाम में नाटो का एक कार्गो विमान सैन्य हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया और विमान में सवार सभी लोग मारे गए। तालिबान ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है। इसके साथ-साथ तालिबान ने अफ़गान जनता को सरकारी कार्यालयों,विदेशी सैन्य शिविरों, सैन्य सुविधाओं व विदेशी दूतावास आदि से दूर रहने को कहा है।
हालांकि अफ़गान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शिन्हुआ समाचार एजेंसी के संवाददाता के साथ साक्षात्कार में कहा कि इस्तांबुल सम्मेलन ने अफ़गानिस्तान में आर्थिक सुधार व शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है। लेकिन कई विशेषज्ञों व राजनेताओं के मुताबिक,अफ़गानिस्तान में तमाम मतभेदों के चलते देश में शांति और स्थिरता कायम करने का रास्ता अभी लंबा है।
(अंजली)