खेल-कूद के विकास में सबसे महत्वपूर्ण बात प्रसार-प्रचार है। एफ़ वन् के चीन में आने के बाद उसने कई चीनी लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है। सबसे पहले सुनते हैं चीनी ग्रांड प्रिक्स के दौरान प्रशंसकों ने क्या कहा?
संवाददाताः तुम्हें एफ़ वन् का प्रशंसक बने हुए कितने साल हो गए हैं ?
प्रशंसक एकः बहुत साल हो गये हैं, माइकल शूमाकर के जमाने से।
प्रशंसक दोः वर्ष 2005 से अब तक आठ साल हो गये हैं। पहले मैं एफ़ वन् से ज़रा दूर था, बाद में मैंने नानचिंग विश्वविद्यालय में दाखिल लिया, तो अब बहुत नज़दीक हो गया हूं।
प्रशंसक तीनः वर्ष 2006 से अब तक सात साल हो चुके हैं। मैं स्छ्वान से आया हूं, जो यहां से बहुत दूर है।
प्रशंसक चारः मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। जो पहले स्थान पर है, मैं उसे सपोर्ट करता हूं। हाहाहा।
प्रशंसक पांचः बहुत अच्छा लगा। हमारे यहां आने का कारण रेसिंग प्रतियोगिता को करीब से देखना है।यह रेसिंग मैदान शहर से बहुत दूर है। हम मेट्रो से हर दिन यहां आते हैं, मौसम बहुत गर्म है।
आखिर चीन में एफ़ वन् के कितने शौकीन या प्रशंसक हैं?चीनी कार खेल संघ के उपाध्यक्ष वान हो फिंग ने कहा कि हालांकि इससे जुड़ी कोई सटीक जानकारी नहीं है। पर हम हाल के कई वर्षों में चीनी ग्रांड प्रिक्स में दर्शकों की संख्या से इसका अंदाजा लगा सकते हैं। उन्होंने कहा, पिछले साल की एफ़ वन् चीनी ग्रांड प्रिक्स में दर्शकों की कुल संख्या 80 हजार थी। हम यह पता लगा सकते हैं कि उनमें से कितने लोगों ने टिकट खरीदा। मुझे लगता है कि एफ़ वन् के बहुत शौकीन हैं। उन सभी को दस साल पहले यानी 15 से 20 वर्ष की उम्र में एफ़ वन् के बारे में पता लगा। अब वे 20 से 30 तक साल के हैं।
चीनी ग्रांड प्रिक्स के इतिहास में दर्शकों की संख्या वर्ष 2004 में सबसे अधिक थी, यानी डेढ़ लाख थी। इसके बाद यह संख्या धीरे धीरे कम होती रही। वर्ष 2009 में इसमें बहुत कमी आई। लेकिन इसके बाद वह धीरे धीरे बढ़ने लगी। इस बदलाव से प्रतियोगिता के प्रबंधक ज्योशी कंपनी भविष्य में दर्शकों की संख्या और बढ़ने के प्रति आशावान् हैं। इस कंपनी के बाजार निदेशक यांग ई बिन ने कहा कि पिछले वर्ष सीसीटीवी द्वारा प्रसारित एफ़ वन् प्रतियोगिता देखने वाले दर्शकों की कुल संख्या 7 करोड़ हुई। पर एफ़ वन् के प्रति चीनी लोग शायद केवल दर्शक हैं, और वास्तविक भागीदार नहीं हैं।
इसकी चर्चा में यांग ई बिन ने कहा, मुझे लगता है कि एफ़ वन् में चीन की वास्तविक भागीदारी नहीं है। क्योंकि इसमें कोई चीनी कार टीम या चीनी खिलाड़ी मौजूद नहीं है। वास्तव में हम केवल एफ़ वन् को एक बड़ी गतिविधि या बड़े दिवस के रूप में आयोजित कर रहे हैं, ताकि लोग इसका मज़ा ले सके।
पिछले दस सालों में चीनी लोगों ने एफ़ वन् में यह साबित कर दिया है कि वे असली दर्शक, श्रेष्ठ प्रबंधक और उदार निवेशक हैं। अब तक एफ़ वन् चीनी ग्रांड प्रिक्स में 6 अरब युआन का निवेश हो चुका है। और लोगों के दिमाग में ज़रूर ऐसा सवाल होगा कि क्या चीन को एफ़ वन् चाहिये?रेसिंग व्यवसायिक पत्रिका एफ़ वन् रिपोर्ट के प्रमुख संपादक ये फ़ेइ के ख्याल से हमें एफ़ वन् चाहिये। उन्होंने कहा, इस मंच से विश्व व चीन और दुनिया व शांगहाई एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही इस प्रतियोगिता को चीन में प्रवेश करवाने का उद्देश्य है। दस साल के प्रयास के बाद यह बुनियादी उद्देश्य पूरा हो गया है। और चीन जैसे विकासशील देशों को खुद को दुनिया के सामने दिखाने का एक मंच चाहिए।
पर चीनी कार खेल संघ के उपाध्यक्ष वान हो फिंग के विचार में तेजी से विकसित हो रहे एक बड़े औद्योगिक देश के रूप में चीन एफ़ वन् के पीछे दौड़ने के योग्य है। लेकिन वर्तमान में यह हमारा खेल नहीं है। उन्होंने कहा, मेरे ख्याल से एफ़ वन् एक बहुत अच्छा गेम है। क्योंकि वह वाहन व्यवसाय की नई तकनीकों का प्रतीक है। एफ़ वन् में सबसे पहले मिश्रित ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है। और अगले वर्ष लघु इंजन का इस्तेमाल भी किया जाएगा। वह खेल को उद्योग के साथ अच्छी तरह से जोड़ता है। लेकिन वर्तमान में एफ़ वन् में चीन की वास्तविक भागीदारी नहीं है, यह कहना मुश्किल है कि एफ़ वन् हमारा खेल है।