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जापान के 168 सांसद यासुकुनी मंदिर गए
2013-04-24 19:21:35

जापान के 168 सांसदों ने 23 अप्रैल को सामूहिक तौर पर जापान के यासुकुनी मंदिर में पूजा की। पिछले हफ्ते जापान के उप-प्रधानमंत्री असोथारो समेत जापानी मंत्रिमंडल के तीन सदस्यों ने यासुकुनी मंदिर के दर्शन किए थे। जापान के प्रधानमंत्री शिनजो अबे किसी कारणवश उस मंदिर में नहीं जा पाये पर किसी अन्य से अपने नाम पर चढावा चढवाया।

अक्तुबर 2005 से अब तक यासुकुनी मंदिर में दर्शन करने वाले इस सांसद दल के सदस्यों की संख्या पहली बार 100 से अधिक हुई, जो इतिहास में नया रिकोर्ड बना। यासुकुनी मंदिर के दर्शन करने वाले सांसद दल हर साल वसंत, शरद ऋतु और हर वर्ष की 15 अगस्त को यासुकुनी मंदिर के दर्शन करते है। इधर के वर्षों में हर बार दर्शन करने वालों की संख्या 30 से 80 तक पहुंची गई है। जापानी लोकमत के विचार में दर्शन करने वालों की संख्या में बढोत्तरी होने का कारण अधिक रूढ़िवादी लोगो का सांसदों के साथ भागीदारी होना है। मौजूदा दर्शन करने वालों में जिमिन पार्टी के सांसदों के साथ साथ लोकतंत्र पार्टी के सदस्य भी शामिल हैं

यासुकुनी मंदिर के दर्शन करने वाले जापानी सांसदों द्वारा की गई इस कार्यवाही से जापान की कुटनीति पर कुप्रभाव पड़ा है, लेकिन 23 अप्रैल को हुए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्हें कुप्रभाव की मान्यता का डर सताया। उप-प्रधानमंत्री असोथारो ने कहा कि हालांकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दर्शन करने की इस कार्यवाही पर प्रतिक्रिया देता हो, पर फिर भी जापान की कुटनीति पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़ेगा। गृह मंत्री शिनतो योशिथाका ने कहा कि मंदिर में दर्शन करना व्यक्तिगत आचरण है और इससे पड़ोसी देशों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

लेकिन उक्त ब्यान से जापान का राजनीतिक जगत सहमत होता नहीं दिखाई देता है। जापानी कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष कोजू शी ने बल देते हुए कहा कि यासुकुनी मंदिर में दर्शन करना आक्रामक युद्ध करने के बराबर है। जापानी एन केइ पार्टी के नेता नाथसुओ यामाकुची ने दर्शन करने पर चिंता जताई और आशा करते कि सांसद कुप्रभाव को सही समझ कर उचित दिशा में कार्यवाही कर सकेंगे। लोकतंत्र पार्टी के नेता बानरी कैएता ने दर्शन करने पर ऐतराज जताया और अन्य सासंदों से यासुकुनी मंदिर में दर्शन न करने की अपील की।

यासुकुनी मंदिर के दर्शन पर जापानी समाज के विभिन्न जगतों के बीच स्पष्ट मतभेद मौजूद है। चिंताजनक की बात यह है कि जापानी समाज की दक्षिणपंथी रूझान के बढने के चलते हुए यासुकुनी मंदिर के दर्शन करने पर समर्थकों की संख्या में वृद्धि जारी है। जापानी मीडिया के अनुसार वर्तमान में यासुकुनी मंदिर के दर्शन पर समर्थकों की संख्या इसके विपक्षों की तुलना में चार गुना अधिक है, जो आश्चर्यजनक की बात है। मीडिया की टिप्पणी के मुताबिक मौजूदा दर्शन में 168 सांसदों की भागीदारी का कारण जापानी समाज का दक्षिणपंथी रूझान गंभीर हद तक बढी है। विश्लेषकों का मानना है कि जापानी नेताओं में दूरगामी दृष्टि का आभाव है। जापान के दक्षिणपंथी रुझान से जापान, चीन और कोरिया गणराज्य के मध्य संघर्ष बढेगा और द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचेगा।(रूपा)

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