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चीन और अमरीका की सेनाओं के बीच उच्च स्तरीय वार्ता
2013-04-23 19:10:31

चीनी जन मुक्ति सेना के चीफ ऑफ स्टॉफ फ़ांग फ़ङह्वी ने 22 अप्रैल को पेइचिंग में चीन की यात्रा पर आए अमेरिकी जॉइन्ट चीफ़्स अफ़ स्टाफ़ के अध्यक्ष मार्टिन डेम्पसे के साथ वार्ता की। यह चीन और अमरीका की सेना के नेता बदले जाने के बाद दोनों देशों के बीच पहला आमने-सामने आदान-प्रदान है। देशी विदेशी संवाददाताओं के साथ मुलाकात में फ़ांग फ़ङह्वी ने कहा कि एशिया व प्रशांत क्षेत्र चीन और अमरीका के बीच सहयोग का बड़ा मंच है। विशाल प्रशांत महासागर में चीन और अमेरिका के लिए विशाल मैदान भी है। चीन और अमरीका को एक साथ मिलकर सहयोगी साझेदार बनना चाहिए।

उसी दिन आयोजित संवाददाता सम्मेलन में फ़ांग फ़ङह्वी ने कहा कि वार्ता में चीन और अमरीका और दोनों सेनाओं के बीच के संबंध, थाईवान सवाल, त्याओयू द्वीप सवाल, कोरियाई प्रायद्वीप सवाल जैसे अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों पर दोनों पक्षों ने व्यापक और निष्कपटतापूर्ण रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया और सकारात्मक प्रगतियां प्राप्त कीं, जिससे चीन और अमरीका के बीच नए किस्म वाले सैन्य संबंध के विकास के लिए सकारात्मक भूमिका निभाई गई। फ़ांग फ़ङह्वी ने कहा कि चीन और अमरीका की सेना एशिया व प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा करने में अधिकाधिक जिम्मेदारी उठाती रही है। दोनों पक्षों को क्षेत्रीय मामलों में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए, सहयोग और समान जीत के आधार पर एशिया व प्रशांत क्षेत्र की शांति में संलग्न रहेंगी।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एशिया व प्रशांत क्षेत्र चीन और अमरीका के बीच सहयोग का बड़ा मंच है। विशाल प्रशांत महासागर में चीन और अमेरिका के विकास के लिए पर्याप्त मैदान है। दोनों देशों की सेनाओं को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा:"हम एशिया व प्रशांत क्षेत्र में अमरीका के युक्तिसंगत हित का साम्मान करते हैं और हमें उम्मीद है कि अमरीका इस क्षेत्र के मामलों के लिए रचनात्मक भूमिका निभाएगा। चीन और अमरीका को एक दूसरे के केंद्रीय हित और भारी चिंता का सम्मान करना चाहिए, इस क्षेत्र में बुरी प्रतिस्पद्धा का विरोध करना चाहिए, और टकराव व मुकाबला करने से परहेज करना चाहिए। दोनों सेनाएं आतंक-विरोध, स्थिरता की रक्षा, समुद्री डाकुओं का विरोध, मानवीय राहत, चिकित्सा आदि के क्षेत्रों में व्यवहारिक सहयोग को गहराएंगी, सहयोग के विष्यों का विस्तार करेंगी, ताकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध को आगे बढाने के लिए सकारात्मक शक्तियों का संचय किया जा सके। एशिया व प्रशांत क्षेत्र के महत्वपूर्ण देशों के रूप में चीन और अमरीका को आपसी संपर्क, ताल-मेल और सहयोग को आगे बढाना चाहिए, क्षेत्रीय मुख्य बिन्दुओं का समुचित रूप से समाधान करना चाहिए। संभवत:पैदा होने वाले संकट का मुकाबला करना चाहिए, ताकि इस क्षेत्र की समृद्धि, और स्थिरता को आगे बढाने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाई जा सके।"

फ़ांग फ़ङह्वी ने कहा कि इस साल चीन और अमरीका मानवीय राहत और विपति रोकथाम का अभ्यास करेंगे। दोनों देशों की नौसेना अदन की खाड़ी में एक बार फिर समुद्री डाकुओं से लड़ने का अभ्यास करेगी, ताकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच व्यवहारिक सहयोग का स्तर उन्नत हो सके।

उसी दिन आयोजित संवाददाता सम्मेलन में संवाददाता के सवालों का जवाब देते हुए मार्टिन डेम्पसे ने कहा कि अमरीका की इच्छा है कि एशिया व प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता को बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा:"यहां हमारा उद्देश्य है कि इसी क्षेत्र की स्थिरता को बनाए रखा जाएगा, ताकि एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के राष्ट्रीय हितों की रक्षा की जा सके। अमेरिका के राष्ट्रीय हित इसी क्षेत्र के आर्थिक विकास, जनसंख्या का प्रवाह, सुरक्षा स्थिति से घनिष्ठ संबंध होता है। अमेरिका इसी क्षेत्र में ज्यादा रूचि, ज्यादा भागीदारी और ज्यादा मानव और उपकरणों का निवेश करेगा।"

इसी दिन की वार्ता में दोनों पक्षों ने कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति समेत कई गर्मागर्म मुद्दों पर गहन रूप से विचारों का आदान प्रदान किया। फ़ान फ़ङह्वी ने कहा कि चीन कोरियाई प्रायद्वीप में गैर-नाभिकीकरण के पक्ष का समर्थक है और संबंधित पक्षों से संयम रखकर छह पक्षीय वार्ता के माध्यम से उत्तर कोरियाई सवाल के समाधान की अपील की है। उन्होंने कहा:"उत्तर कोरिया ने तीसरी बार परमाणू परीक्षण किया है। हम विभिन्न पक्षों के साथ मिलकर परमाणू परीक्षण को बंद करने और नाभिकीय हथियार के निर्माण को बंद करने आदि मुद्दों को लेकर उत्तर कोरिया के साथ बातचीत करने को तैयार है। क्योंकि गैर-नाभिकीकरण प्रायद्वीप उत्तर कोरिया समेत विभिन्न पक्षों के हितों से मेल खाता है। चीन कोरियाई प्रायद्वीप के सवाल के अच्छी तरह समाधान के लिए विभिन्न पक्षों के साथ संपर्क और समन्वय करने में सक्रिय है। चीन का विचार है कि छह पक्षीय वार्ता इस सवाल के हल करने का सबसे अच्छा रास्ता है। हम संयुक्तराष्ट्र के संबंधित निर्णय के मुताबिक अपना उत्तरदायित्व निभाएंगे। ताकि कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिरता बनायी रखी जा सके। यह सभी पक्षों के लिए लाभदायक है।"

गौरतलब है कि मार्टिंग डेम्प्सी फ़ांग फ़ङह्वेई के निमंत्रण पर 21 अप्रैल को पेइचिंग पहुंचे। वह चीन की पांच दिवीय यात्रा करेंगे, इसी दौरान चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग और फ़ौजी अधिकारी उनसे मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वे चीनी रक्षा विश्विद्यालय, और चीनी जन मुक्ति सेना के थलीय वायु कॉर्प्स और वैज्ञानिक व अनुसंधान अकादमी का दौरा भी करेंगे।

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