पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि देश की सर्वोच्च अदालत ने अब उनकी गिरफ्तारी के आदेश दे दिए हैं। और अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए मुशर्रफ़ किसी गुप्त जगह पर चले गए हैं।
यह नाटकीय घटनाक्रम 18 अप्रैल यानी बृहस्पतिवार की सुबह हुआ। जब मुशर्रफ़
अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ इस्लामाबाद स्थित सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। अब वे अपनी जमानत की अवधि बढ़ाने की जुगत में लग गए हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश दे दिए। इस फैसले के बाद वे सुप्रीम कोर्ट से भागकर किसी गुप्त जगह पर चले गए हैं।
गौरतलब है कि मुशर्रफ़ पर लगाये गये तीन अभियोग हैं, वर्ष 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या, वर्ष 2006 की एक सैन्य कार्रवाई में एक कबायली नेता की मौत, वर्ष 2007 में आपातकाल की घोषणा, और प्रमुख न्यायमूर्ति समेत सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के 60 अधिकारियों को हटाना आदि।
इस बार मुशर्रफ़ के स्वदेश वापस लौटने का मुख्य लक्ष्य 11 मई को होने वाले आम चुनावों में हिस्सा लेना है। इसलिये उन्होंने अपनी जमानत अवधि बढ़ाने की कोशिश करने के साथ-साथ पाकिस्तान के चार क्षेत्रों से नामांकन भरा। लेकिन उनमें तीन क्षेत्रों से उनके चुनावी पर्चे खारिज कर दिए गए।
मुशर्रफ़ को गिरफ्तारी के फैसले पर कई लोगों का मानना है कि यह एक कोई अचरच भरी बात नहीं है। क्योंकि अब उनकी हैसियत बदल चुकी है, और उन पर कई अभियोग भी लगे हैं। इसलिये चुनाव में कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ने वाला।
चंद्रिमा