पहली बार शी चिन को देखने पर, आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि कि यह मासूम सी दिखने वाली लड़की एक मार्शल आर्ट मास्टर है। लेकिन प्रदर्शन के दौरान उनका वूशू का कौशल देखने पर आपका पूरा यकीन हो जाएगा कि इस 25 वर्षीय युवती को वूशू में 18 साल का अनुभव है। 7 वर्ष की उम्र से ही वह वूशू का अभ्यास करने लगी। होपेइ प्रांत जन्मी हो शी चिन को वूशू ने वर्ष 2010 में पोलैंड के वॉरसॉ पहुंचाया।
इसकी चर्चा में हो शी चिन ने कहा, उस वक्त मैंने थ्येन चिन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की वूशू टीम के साथ पोलैंड का दौरा कर प्रदर्शन किया। इस दौरान मैंने यह खबर सुनी कि पोलैंड के वूशू संघ के अध्यक्ष एक चीनी प्रशिक्षक को पोलैंड में वूशू सिखाने के लिए रखना चाहते हैं। और मैं विश्वविद्यालय से स्नातक होने वाली थी, मेरे अंक हमेशा अच्छे रहे। और मेरी अंग्रेजी भी बहुत अच्छी है। इसलिए चीनी वूशू संघ व थ्येन चिन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के माध्यम से मुझे पोलैंड में वूशू सिखाने का मौका मिला।
पर पोलैंड में हो शी चिन का सफर इतना आसान भी नहीं रहा। सबसे पहले कई पोलिशों के मन में यह आशंका थी कि दुबली-पतली सी दिखने वाली यह चीनी लड़की क्या वाकई में राष्ट्रीय टीम को ट्रेनिंग दे सकती है। पोलैंड वूशू संघ के प्रतिस्पर्द्धा केंद्र के अध्यक्ष मिखाइल इगनातोविज़ ने यह याद करते हुए कहा कि, उस समय हम शी चिन की प्रतिभा और स्तर के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। पोलैंड में खासतौर पर वूशू जगत में कई लोगों को नए लोग पसंद नहीं आते। कुछ पोलिश वूशू प्रशिक्षकों ने उनका स्वागत नहीं किया। क्योंकि उनके मन में चिंता थी कि नई लड़की के आने के बाद उनका क्या होगा?
आखिर में शी चिन की मेहनत और प्रतिभा रंग लाई, और लोगों ने उसे स्वीकार कर लिया। उनके प्रशिक्षण देने के बाद पोलैंड राष्ट्रीय वूशू टीम के प्रदर्शन में काफी सुधार आया। इससे पहले विश्व वूशू प्रतियोगिता में पोलिश खिलाड़ी 50वें स्थान पर भी नहीं थे। लेकिन वर्ष 2011 में आयोजित 11वीं विश्व वूशू चैंपियनशिप में सबसे अच्छा व्यक्तिगत प्रदर्शन पहले 15वें स्थान के भीतर रहा। पोलैंड के चीनी परंपरागत वूशू व संस्कृति संघ के अध्यक्ष पिओटर ओसुच ने हो शी चिन की खूब प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, पोलैंड के कई वूशू स्कूलों में हर वर्ष चीन से प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिये बुलाया जाता है। हो शी चिन राष्ट्रीय वूशू टीम द्वारा नियुक्त ट्रेनर हैं। उनका काम बहुत अच्छा है, वे थ्येन चिन प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से आयी हैं, उनका वूशू का स्तर बहुत ऊंचा है। हालांकि वे चीन की सबसे अच्छी वूशू प्रशिक्षक नहीं हैं, लेकिन पोलिश खिलाड़ियों के प्रति उनकी कौशल काफ़ी है।
पोलैंड की राष्ट्रीय टीम में प्रशिक्षण देने के अलावा हो शी चिन पोलिश जनता के बीच वूशू के प्रसार-प्रचार की कोशिश भी कर रही हैं। वॉरसॉ में वे एक वूशू क्लब का संचालन करती हैं, और विभिन्न उम्र के पोलिश लोगों को ट्रेनिंग देती हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले क्लब में केवल सीखने वाले 20 छात्र थे, मेरे आने के बाद अब संख्या 50 से ज्यादा हो चुकी है। हमने कुल चार कक्षाओं की स्थापना की। पहली कक्षा पोलिश बच्चों के लिये। दूसरी कक्षा पोलैंड में रहने वाले चीनी लोगों के बच्चों के लिये। तीसरी कक्षा व्यस्कों के लिये, जिनकी उम्र 20 से 30 के दौरान है। और चौथी कक्षा बुजुर्गों के लिये। हम बुजुर्गों को केवल ताईची मुक्केबाजी सिखाते हैं।
पोलैंड में रहते हुए तीन साल में हो शी चिन ने वूशू कार्य में बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। साथ ही उनके प्रेमी उनके बॉस और साथी मिकाल हैं। इसकी चर्चा में मिकाल ने कहा, हमारी प्रेम कहानी वूशू से शुरू हुई । क्योंकि मेरा काम और मेरा शौक वूशू है। और मुझे पता है कि वे भी सच्चे दिल से वूशू को पसंद करती हैं। हमारी पसंद एक जैसी है, यह एक प्रमुख वजह है कि मैं उसे प्यार करता हूं।
अब हो शी चिन भी पोलैंड को बहुत प्यार करती हैं। यहां उनकी नौकरी के साथ-साथ प्रेम भी है। भविष्य के बारे में उनका एक सपना है। उन्होंने कहा, मैं हमेशा पोलैंड में एक चीनी वूशू प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करना चाहती हूं। मैं मिकाल के साथ यह इच्छा पूरी करना चाहती हूं। हमने विभिन्न पक्षों के समर्थन से कुछ पैसा जमा किया है। शुरू में वह शायद बहुत छोटा है, लेकिन हम इसे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। भविष्य में अगर खिलाड़ी, मैदान, उपकरण, प्रशिक्षक सभी तैयार होंगे, तो वूशू प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना एक दूर का सपना नहीं होगा।