ब्रिक्स देशों की 5 वीं शिखर वार्ता 27 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के डर्बन में आयोजित हुई। चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग, दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति, ब्राजीलियन राष्ट्रपति, रूसी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री इसमें उपस्थित हुए। पाँच देशों के नेताओं ने इस वार्ता में विकास, एकीकरण और औद्योगिकीकरण के साझेदार संबंधों के तले अपने विचार व्यक्त किये।
शी चिन फिंग ने सहयोग से समान विकास विषय पर एक भाषण दिया। उन्होंने बल देकर कहा कि ब्रिक्स देशों को दृढ़ रूप से अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता, न्याय, विश्व शांति और स्थिरता की रक्षा करनी चाहिए, विश्व में साझेदारी संबंधों के विकास से समान समृद्धि प्राप्त करनी चाहिये, आपसी लाभदायक सहयोग से दोनों पक्षों को लाभ उठाना चाहिए। चीन लगातार ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग करके आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के साथ विभिन्न देशों की जनता को वास्तविक हित देगा, विश्व शांति औऱ विकास के लिये ज्यादा योगदान देगा।
वार्ता में अन्य चार देशों के नेताओं ने भी भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट का कुप्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। यूरोप में कर्ज संकट भी व्यापक हो रहा है। विश्व अर्थव्यवस्था में ज्यादा अनिश्चितताएं हैं। ब्रिक्स देशों को एकता औऱ सहयोग मजबूत करके आपस में ज्यादा व्यापार और निवेश के मौके प्रदान करना चाहिये, एक साथ चुनौतियों का सामना करना चाहिये, और अपनी अपनी आर्थिक वृद्धि को बहाल कर विश्व अर्थव्यवस्था को मजबूती देनी चाहिये। साथ ही संयुक्तराष्ट्र संघ, जी बीस ढांचे में समन्वय औऱ सहयोग को मजबूत करके विश्व शांति और स्थिरता की रक्षा करनी चाहिये, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के सुधार को भी बढ़ावा देना चाहिये।
सदस्य देशों के नेताओं ने ब्रिक्स देशों में विकास बैंक और विदेशी मुद्रा भंडार की स्थापना करने का फैसला भी किया है। वार्ता में डर्बन घोषणा और कार्रवाई योजना जारी की गई। अगली वार्ता वर्ष 2014 में ब्राजील में आयोजित होगी, इसके साथ ही इस सम्मेलन का समापन हुआ।
चंद्रिमा