ब्रिक्स देशों के नेताओं की 5वीं शिखर वार्ता 26 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के डर्बन में औपचारिक तौर पर शुरु हुई। इसके पूर्व ब्रिक्स देशों के उद्योग और वाणिज्य जगत के व्यक्तियों का मंच और वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक निदेशकों का सम्मेलन आयोजित हुआ।
26 मार्च को ब्रिक्स देशों के औद्योगिक और वाणिज्यिक जगत के प्रतिनिधियों ने डर्बन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में आयोजित मंच पर उपस्थित हुए। पांच देशों के वाणिज्य अधिकारियों, उद्योग प्रतिनिधियों और राजनयिकों ने इसमें भाग लिया। चीनी उप-वाणिज्य मंत्री छङ च्यान, चीनी व्यापारिक संवर्द्धन संघ के निदेशक वान चीफ़ेई ने मंच पर भाषण दिया। मौजूदा ब्रिक्स शिखर वार्ता का विषय है"ब्रिक्स देश और अफ्रीका:विकास, विलय और औद्योगिकीकरण का साझेदार संबंध"इस तरह मंच पर भाषण देने वाले हर प्रतिनिधि ने अपने बयान में विशेष तौर पर बल देते हुए कहा कि अफ्रीका में इस समय सबसे अधिक विकास हो रहा है यानी अफ्रीकी महाद्वीप अत्याधिक विकासमान महाद्वीप है। दक्षिण अफ्रिका इस महाद्वीप में दूसरे देशों के प्रवेश के लिए द्वार खोलने का पात्र बना और साथ ही उसने इन देशों और विभिन्न अफ्रिकी दंशों के बीच सहयोग करने का मंच भी प्रदान किया। ब्रिक्स देशों के बेहतर सहयोगी साझेदार के रूप में दक्षिण अफ्रीका ने सकारात्मक योगदान दिया है।
ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक निदेशकों के सम्मेलन में मुख्य तौर पर वर्तमान में विश्व और ब्रिक्स देशों के सामने मौजूद वित्तीय स्थिति, भविष्य की चुनौती, ब्रिक्स देशों के लिए अपात भंडार की व्यवस्था और विकास बैंक की स्थापना जैसे मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। विभिन्न देशों ने सहमति प्राप्त की कि ब्रिक्स देश आर्थिक नीति के समन्वय को लगातार मज़बूत करेंगे और आर्थिक और वित्तीय क्षेत्रों में वस्तुगत सहयोग बढ़ाएंगे। चीनी केंद्रीय बैंक यानी चीनी जन बैंक के निदेशक चो श्याओछ्वान ने सम्मेलन में चीन की आर्थिक और वित्तीय स्थिति से अवगत कराया और बल देते हुए कहा कि ब्रिक्स देश संयुक्त रूप से अपात भंडार की व्यवस्था करेंगे, यह वर्तमान वैश्विक वित्तीय सुरक्षा का हितकारी पूरक ही नहीं, ब्रिक्स देशों और विश्व की वित्तीय स्थिरता के लिए भी लाभदायक है। चो श्याओछ्वान ने ब्राजील केंद्रीय बैंक के निदेशक अलेक्ज़ांद्रे टोम्बिनी के साथ दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच द्विपक्षीय मुद्रा के आदान-प्रदान की संधि पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के भंडारण बैंक के निदेशक के साथ भी पूंजी निवेश के संदर्भ में संधि पर हस्ताक्षर किए। यह चीन-ब्राजील और चीन-दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय सहयोग का महत्वपूर्ण फल ही नहीं, ब्रिक्स देशों के बीच मुद्रा और बैंकिंग सहयोग की मज़बूती, चीन-ब्राजील और चीन-दक्षिण अफ्रीका के सर्वांगीण रणनीतिक साझेदार संबंध के विकास के लिए भी बहुत सार्थक है।
ब्रिक्स विकास बैंक पर मीडिया का ध्यान केंद्रित हो रहा है। अगर इसकी स्थापना होगी, तो ब्रिक्स प्रणाली में एक स्थाई संस्था के रूप में वह नवोदित आर्थिक समुदायों की पूंजी निवेश के लिए एक नया मंच बनेगा और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग संगठनों में पश्चिमी देशों के वर्चस्व को तोड़ कर नवोदित बाजार देशों के अभिव्यक्ति अधिकार भी उन्नत करेगा। ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रिय बैंक के निदेशकों के सम्मेलन में ब्रिक्स विकास बैंक स्थापित करने की संभवनाओं पर भी विचार विमर्श किया गया।
गौरतलब है कि मौजूदा ब्रिक्स देशों का शिखर सम्मेलन पहली बार अफ्रीका महाद्वीप में आयोजित होने वाला शिखर सम्मेलन है। शिखर वार्ता के दौरान ब्रिक्स देशों के नेता अफ्रीकी संघ के नेता और दस से अधिक अफ्रीकी देशों के नेताओं के साथ भी वार्ता करेंगे। ब्रिक्स देशों और अफ्रीका के बीच सहयोग को मज़बूत कर अफ्रीका के विकास को आगे बढ़ाना मौजूदा शिखर वार्ता का महत्वपूर्ण उद्देश्य है। हाल के वर्षों में अफ्रीका विश्व आर्थिक विकास का नया स्तर बन गया है, यहां की आर्थिक वृद्धि भी तेज़ है। लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए, तो अफ्रीका के आधारभूत संस्थापनों में अभी भी पिछड़ापन है और तकनीक और पूंजी की कमी भी है। अफ्रीका को सहायता देने वाले पश्चिमी देश स्वयं आर्थिक मंदी में फंसे हुए हैं। इस तरह अफ्रीकी देश नवोदित आर्थिक समुदायों के साथ सहयोग मज़बूत करना चाहते हैं। उधर, ब्रिक्स देशों के लिए अफ्रीका महाद्वीप में अपार शक्ति मौजूद है, जिससे ब्रिक्स देशों को अपने आगे विकास के लिए मूल्यवान अवसर मिला है। वास्तव में हाल के दस वर्षों में ब्रिक्स देशों और अफ्रीका के बीच सहयोग साल दर साल घनिष्ठ हुआ है, गत वर्ष में द्विपक्षीय व्यापारिक राशि दस गुना बढ़कर 3 खरब 40 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है। पिछले दस वर्षों में चीन और अफ्रीका के बीच व्यापारिक राशि 20 गुना बढ़ी है। इस तरह यह निश्चित होगा कि मौजूदा डर्बन शिखर सम्मेलन एक सहयोग, उभेय जीत और फलदायी सम्मेलन बनेगा।
(श्याओ थांग)