5वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 26 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के डर्बन में आरंभ हुआ। इस सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं ने ब्रिक्स देशों के बीच भागीदारी को मजबूत करने, ब्रिक्स औऱ अफ्रीकी देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने और संबंधित अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मद्दों पर विचार विमर्श किया।
विश्लेषकों की राय में वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में जटिल परिवर्तन हो रहे हैं। विश्व आर्थिक पुनरुद्धान के समाने अधिक अनिश्चितताएं मौजूद हैं। अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ब्रिक्स देशों की भूमिका को धीरे धीरे मजूबत किया जाएगा। इस स्थिति में ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन और आपसी सहयोग का विकास करना न केवल ब्रिक्स देशों को लाभ पहुंचेगा, बल्कि विश्व के बाकी देशों को भी लाभ मिलेगा।
चीन के उप-वाणिज्य मंत्री छन च्यान ने कहा कि ब्रिक्स देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं का आर्थिक विकास विश्व अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव निश्चित रूप से डालेगा।
हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स देश इसके लिये निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि विश्व अर्थव्यवस्था एक स्थिर, निरंतर और आत्मनिर्भर रास्ते पर चले। इसके अलावा ब्रिक्स देश अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय और आर्थिक संरचना के सुधार पर ध्यान दे रहे हैं। ब्रिक्स देशों का मुख्य लक्ष्य विश्व अर्थव्यवस्था के विकास, ठोस आर्थिक इकाइयों में पूंजी के प्रवाह और
रोजगार के अवसरों को बढाने के लिए समुचित उपाय ढूंढ निकालना है।
भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बताया कि वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय विभिन्न चुनौतियों का समाना कर रहा है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ब्रिक्स देशों के लिए सहम रहते एक उपयोगी अवसर देता है, जिसका लाभ लेते हुए ब्रिक्स देश आपसी सहयोग कर सकते हैं। ब्रिक्स देशों के नेता विश्व अर्थव्यवस्था को फिर से जीवित करने पर चर्चा करेंगे।
(हैया)