विश्व वित्तीय संकट पैदा होने के बाद पश्चिमी देशों के आर्थिक पुनरुत्थान मज़बूत नहीं है। विश्व बैंक समेत अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं विकासशील देशों को पर्याप्त ऋण नहीं दे सकती। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के ब्रिक्स अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता सोंग होंग ने कहा कि ऐसी पृष्ठभूमि में पांच ब्रिक्स देशों ने ब्रिक्स बैंक स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसका उद्देश्य विकासशील देशों के बुनियादी संस्थापन निर्माण के लिए पूंजी देना है, साथ ही संकट से निपटने की क्षमता भी बढ़ेगी।
आंकड़ों से पता चला है कि वर्तमान में ब्रिक्स देशों का कुल विदेशी मुद्रा भंडारण 44 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। विश्व भर में मुद्रा ज्यादा उत्पादन करने की परिस्थिति में विदेशी मुद्रा के मूल्य को बनाए रखना और बढ़ाना पांच ब्रिक्स देशों के सामने मौजूदा नया सवाल बन गया है। सोंग होंग के मुताबिक ब्रिक्स विकास बैंक संभवतः चीनी विदेशी मुद्रा भंडारण के लिए पूंजी निवेश का नया रास्ता बन जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि पांच देशों ने ब्रिक्स विकास बैंक स्थापित करने में सैद्धांतिक अनुमति दी है, लेकिन इसमें पूंजी का अनुपात, निर्णय व्यवस्था, प्रबंधन आदि क्षेत्रों में सहमतियां भी प्राप्त होनी चाहिए।
(श्याओ थांग)