चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग ने 25 मार्च को प्रिटोरिया पहुंचकर दक्षिण अफ्रीका की राजकीय यात्रा की शुरूआत की। वे डर्बन में आयोजित ब्रिक्स देशों की पांचवीं शिखर वार्ता में भाग लेंगे।
हवाई अड्डे पर शी चिन फिंग ने भाषण देते समय कहा कि चीन और दक्षिण अफ्रीका दोनों महत्वपूर्ण विकासशील देश हैं। साथ ही दोनों जीवन-शक्ति से ओतप्रोत नवोदित बाजार भी हैं। चीन-दक्षिण अफ्रीका संबंधों का विकास न सिर्फ़ दोनों देशों की जनता के लिये लाभदायक है, बल्कि विकासशील देशों के बीच एकता और सहयोग यहां तक कि संपूर्ण विश्व शांति और विकास के लिये भी लाभदायक होगा। शी चिन फिंग ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि दोनों तरफ़ के प्रयत्नों से इस यात्रा के अवश्य ही सकारात्मक परिणाम निकलेंगे, चीन और दक्षिण अफ्रीका के चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी संबंधों के विकास को एक नई शक्ति मिलेगी।
शी चिन फिंग ने कहा कि ब्रिक्स देशों का शिखर सम्मेलन पहली बार अफ्रीका महाद्वीप में आयोजित होगा। इस दौरान ब्रिक्स और अफ्रीकी देशों के बीच नेताओं की वार्ता भी पहली बार आयोजित होगी। मैं ब्रिक्स देशों के अन्य नेताओं तथा अफ्रीकी देशों के नेताओं के साथ सहयोग पर चर्चा कर विकासशील देशों के बीच एकता औऱ विकास को एक नए स्तर पर पहुंचाने की प्रतीक्षा में हूं।
ब्रिक्स देशों की पांचवीं शिखर वार्ता 26 से 27 मार्च को डर्बन में आयोजित होगी। इस बार का मुद्दा है ब्रिक्स देश और अफ्रीकाः विकास, एकीकरण और औद्योगिकीकरण का साझेदार संबंध। शी चिन फिंग उपस्थित नेताओं के साथ ब्रिक्स देशों के साझेदारी संबंधों को मजबूत करने, ब्रिक्स देशों और अफ्रीका के सहयोग को बढ़ाने, और समान रुचि वाले अंतर्राष्ट्रीय, क्षेत्रीय मामलों पर विचार-विमर्श करेंगे।
चंद्रिमा