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चीन का स्वप्न और रूस का स्वप्न एक दूसरे के विकास का मौका
2013-03-25 19:50:47

चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 24 मार्च को रूस की यात्रा सफलतापूर्वक समाप्त की। डेढ दिन के कम समय में शी चिनफिंग ने राजनीतिक, आर्थिक और व्यापारिक, सैनिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों से जुड़ी लगभग 20 गतिविधियों में भाग लिया। हमारे सीआरआई की टिप्पणीकार शेंग यू होंग का विचार है कि शी चिनफिंग की रूस यात्रा बहुत सफल रही है।

शेंग यू होंग ने कहा, शी चिनफिंग की रूस यात्रा में सब से बड़ी उपलब्धि चीन और रूस के बीच राजनीतिक विश्वास का बढना है, जिससे आने वाले दस वर्षों में चीन-रूस संबंधों के विकास की आधारभूत दिशा तय हुई है। रूस-यात्रा राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद शी चिनफिंग की पहली विदेश यात्रा है। इससे जाहिर है कि चीन रूस संबंध हमेशा से चीन की कूटनीति में प्राथमिक स्थान पर रहे हैं। रूस में शी चिनफिंग ने रूस के रक्षा मंत्रालय की भी यात्रा की। इस तरह वह ऐसे पहले विदेशी नेता बन गए, जिन्होंने रूसी सशस्त्र बलों का केंद्रीय हेटक्वाटर देखा। इससे जाहिर है कि चीन और रूस के बीच राजनीतिक विश्वास एक नए मुकाम पर पहुंचा है। दोनों देशों ने संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए और द्विपक्षीय सर्वांगीण रणनीतिक साझेदार संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने की ठान ली और बल देकर कहा कि वे संप्रभुत्ता, प्रादेशिक अखंडता और सुरक्षा जैसे कुंजीभूत हितों से जुड़े मुद्दों पर एक दूसरे का जमकर साथ देंगे। इस सब से देखा जा सकता है कि आने वाले दस वर्षों में चीन रूस संबंध जटिल और बदलते अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के बावजूद सहयोग और समान जीत, पीढ़ी दर पीढ़ी मैत्री की दिशा में विकसित होते जाएंगे।

शी चिनफिंग की रूस यात्रा के दौरान चीन और रूस के बीच अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण संबंध एवं सहयोग की संधि को लागू करने वाले कार्यक्रम की पुष्टि की गई और सहयोग के अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिनमें द्विपक्षीय व्यापारिक ढांचे का विविधीकरण, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग और सांस्कृतिक सहयोग की कार्य-योजना का कियान्वयन आदि शामिल हैं। शेंग यू होंग का विचार है कि इन सब से दोनों देशों की समग्र राष्ट्रीय शक्ति और अंतर्राष्ट्रीय स्पर्द्धा शक्ति बहुत बढेंगी। शेंग यू होंग ने कहा कि उच्चस्तरीय राजनीतिक संबंध के व्यावहारिक रूप से आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग में बदलने से ही उसे दृढ़ समर्थन मिल सकता है। शी चिनफिंग की रूस-यात्रा के दौरान दोनों देशों ने सहयोग के अनेक ठोस क्षेत्र निश्चित करने से अवश्य ही द्विपक्षीय संबंधों के और आगे विकास की पुख्ता नींव डाली है।

दो बड़े देशों के रूप में चीन और रूस के बीच संबंधों का विकास केवल द्विपक्षीय दायरे में नहीं है। मास्को अंतर्राष्ट्रीय संबंध कॉलेज में भाषण देते हुए शी चिनफिंग ने कहा कि चीन-रूस संबंध का विकास अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को न्याय और युक्ति की ओर बढाने की सकारात्मक ऊर्जा है। शेंग यू होंग का विचार है कि शी चिनफिंग की इस बात से साफ तौर पर चीन-रूस संबंध के विकास की वैश्विक अहमियत व्यक्त की गई है। शेंग यू होंग ने कहा कि यह सकारात्मक ऊर्जा तीन पहलुओं में दिखाई देता है। पहला, चीन-रूस संबंध बड़े देशों में संबंधों से निपटने का आदर्श मिसाल है। समानता,आपसी विश्वास, एक दूसरे का समर्थन, समान समृद्धि और पीढ़ी दर पीढ़ी मैत्री चीन-रूस संबंधों के विकास का सिद्धांत, उपाय और लक्ष्य रहे हैं। इससे सहयोग, पर गुटनिरपेक्षता पर आधारित बड़े देशों के बीच संबंधों के लिए उदाहरण स्थापित हुआ है। दूसरा, चीन रूस संबंधों की स्थिरता और विकास से यूरोपीय और एशियाई क्षेत्र की स्थिरता और विकास के लिए एक लाभदायक वातावरण तैयार हुआ है। तीसरा, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में चीन और रूस के समान विचार एवं सहयोग तथा बहुध्रुवीय दृष्टिकोरण ने विश्व शांति और विकास की अच्छी तरह से रक्षा की है।

(वनिता)

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