हाल में भारतीय समाचार पत्र द इन्डियन एक्सप्रेस ने अपनी वैबसाइट पर भारत स्थित चीनी राजदूत वेईवेई द्वारा लिखे गए《चीन और भारत को ब्रिक्स ढांचे में पारस्परिक विश्वास और सहयोग को बढ़ाए》शीर्षक लेख प्रकाशित किया।
अपने लेख में चीनी राजदूत वेईवेई ने कहा कि 5वीं ब्रिक्स शिखर वार्ता जल्द ही डर्बन में आयोजित होने वाली है। चीन और भारत के नेता एक बार फिर वार्ता करेंगे और द्विपक्षीय सहयोग पर विचार विमर्श करेंगे। यह ब्रिक्स के महत्वपूर्ण सदस्य देशों के रूप में चीन और भारत के लिए अच्छा मौका भी है। उच्च स्तरीय संपर्क के जरिए पारस्परिक विश्वास और सहयोग को मज़बूत किया जाएगा।
चीन और भारत सबसे बड़े दो विकासशील देश ही नहीं, नवोदित आर्थिक समुदाय भी हैं। द्विपक्षीय संबंध का विश्वव्यापी और रणनीतिक अर्थ होता है। ब्रिक्स की सहयोग व्यवस्था ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन और भारत के प्रभाव को बढ़ाया है और द्विपक्षीय संबंध के विकास को भी मज़बूत किया है। दोनों देशों के नेता ब्रिक्स व्यवस्था में घनिष्ठ आवाजाही बरकरार रखते हैं। इस वर्ष डर्बन में आयोजित शिखर सम्मेलन में चीन के नए नेता और भारतीय नेता के बीच वार्ता होगी, इससे दोनों देशों के बीच पारस्परिक विश्वास और द्विपक्षीय संबंध की उन्नति के लिए फायदेमंद होगा।
वेईवेई ने अपने लेख में यह भी कहा कि चीन और भारत के अर्थतंत्र एक दूसरे की पूरक है। दोनों पक्षों को विभिन्न क्षेत्रों में वस्तुगत सहयोग गहन करने के लिए प्रयास करना चाहिए। चीन भारत के साथ मिलकर व्यापक विकासशील देशों के मूल हितों की रक्षा करने, ब्रिक्स देशों की एकता व सहयोग को आगे बढ़ाने और विश्व की शांति व समृद्धि को बनाए रखने के लिए अथक प्रयास करने को तैयार है।
(श्याओ थांग)