रूस की यात्रा कर रहे चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 23 मार्च को मॉस्को अन्तर्राष्ट्रीय संबंध कॉलेज में भाषण दिया। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा को विकास की गति से जोड़ना चाहिए। विश्व स्थिति में बड़ा परिवर्तन होने और विभिन्न देशों के साथ एकजुट होने की स्थिति में सभी देशों को नए अन्तर्राष्ट्रीय संबंध स्थापित करना चाहिए, जिसका केन्द्र है सहयोग और समान विकास। शी चिनफिंग ने कहा कि विभिन्न देशों और लोगों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए इससे विकास की उपलब्धियों का लाभ भी उठाना चाहिए।
वर्तमान विश्व स्थिति की चर्चा में शी चिनफिंग ने कहा कि बहुत से नवोदित देश और विकासशील देश तेज विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। विश्व के कई क्षेत्रों में व्यापक विकास केन्द्र स्थापित हो चुके हैं। अब कोई भी देश एकतरफा तौर पर वैश्विक मामलों का निपटारा नहीं कर सकता। सभी देशों और लोगों को एक दूसरे का सम्मान करने के साथ साथ विकास की उपलब्धियों और सुरक्षा की गारंटी से लाभ उठाना चाहिए।
चीनी राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद शी चिनफिंग की ये पहली विदेश यात्रा है। इसलिए भाषण में उन्होंने विशेष रूप से चीन के नए नेतागण द्वारा प्रस्तुत "चीन के स्वप्न"की विचारधारा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि"चीन के स्वप्न"का मतलब है कि देश समृद्धि की राह पर अग्रसर हो, राष्ट्रीय स्वतंत्रता और सम्मान स्थापित हो सके और लोगों का जीवन खुशहाल बने। इसके लिए चीन शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर बना रहेगा और खुलेपन, सहयोग और समान जीत वाले विकास को आगे बढ़ाने में संलग्न रहेगा।
शी चिनफिंग ने कहा कि चीन हमेशा से रक्षात्मक प्रतिरक्षा नीति का अनुसरण करता रहा है, शस्त्रीकरण स्पर्द्धा का विरोध करता है। चीन का विकास विश्व के लिए लाभदायक है, किसी भी देश के लिए खतरा नहीं है। हम चीन का सपना पूरा करने की कोशिश करेंगे, इससे न सिर्फ चीनी लोग, बल्कि विभिन्न देशों की जनता का भी फायदा मिलेगा।
शी चिनफिंग ने कहा कि अब चीन और रूस राष्ट्रीय पुनरुत्थान के अहम दौर से गुजर रहे हैं। नई स्थिति में दोनों देशों को भविष्य के उन्मुख सहयोग और समान जीत वाले संबंधों का विकास करना चाहिए।
(ललिता)