चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग ने 22 मार्च को मॉस्को के क्रेमलिन महल में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता की। दोनों देशों के नेताओं ने चीन-रूस संबंध और महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय, क्षेत्रीय मामलों पर विचार-विमर्श किया, और चीन-रूस चतुर्मुखी रणनीतिक सहयोग पर अहम सहमति प्राप्त की।
पुतिन ने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग की यात्रा का पहला पड़ाव रूस होने से यह साबित होता है कि दोनों पक्ष रूस-चीन संबंधों के विकास को बहुत महत्व देते हैं। और इस संबंध की विशेषता और रणनीतिक विशेषता को भी जाहिर करते हैं। शी चिन फिंग की यात्रा एक सार्थक यात्रा है, जिससे समृद्ध उपलब्धियां प्राप्त होंगी।
शी चिन फिंग ने बल देकर कहा कि चीन और रूस आपस में सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख रणनीतिक सहयोगी साझेदार हैं। चीन-रूस के चतुर्मुखी रणनीतिक सहयोगी साझेदार संबंधों को दोनों देशों की कूटनीति में प्राथमिक स्थान पर रखा जाता है। जटिल, परिवर्तित अंतर्राष्ट्रीय स्थिति, गंभीर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक वातावरण में चीन और रूस अधिक घनिष्ठ रूप से चतुर्मुखी रणनीतिक सहयोग को मजबूत करेंगे। दोनों पक्षों को एक दूसरे का राजनीतिक समर्थन करना चाहिए साथ ही व्यवहारिक सहयोग को विस्तृत करना, और अंतर्राष्ट्रीय, क्षेत्रीय मामलों में समन्वय करके समान रणनीतिक सुरक्षा, संयुक्तराष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के साथ बुनियादी नियमों की रक्षा करना चाहिये। ताकि विश्व शांति, स्थिरता और समृद्धि बनी रही।
दोनों का मानना है कि अब चीन - रूस के बीच बड़े पैमाने वाले आर्थिक सहयोग करने का मौका सुदृढ़ हो गया है। दोनों पक्ष तेल की सप्लाई, प्राकृतिक गैस की पाइपलाईन का निर्माण जैसे विषयों में प्राप्त सहमतियों को सक्रिय रूप से लागू करेंगे। साथ ही नाभिकीय ऊर्जा, बिजली और कोयला जैसे क्षेत्रों के सहयोग को भी मजबूत किया जाएगा।
वार्ता के बाद दोनों देशों के नेताओं ने चीन - रूस के बीच सहयोग व समान जीत और चतुर्मुखी रणनीतिक सहयोग साझेदारी संबंधों का गहन करने के संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किये। और दोनों देशों की सरकारों और उद्यमों के बीच कई सहयोग दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर किये गये हैं।
चंद्रिमा