भारतीय सरकार अब श्रीलंका को उपग्रह प्रक्षेपित करने की व्यवस्था देने के हर संभव उपाय खोज रही है। भारतीय अख़बार द हिंदू ने 21 मार्च को अपने वेबसाइट पर जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही।
वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत सरकार के अधिकारी ने कहा है कि भारत 25 मार्च से श्रीलंका के साथ अंतरिक्ष सहयोग संबंधित मामलों पर चर्चा शुरू करेगा। जिसमें उपग्रह प्रक्षेपित करने की व्यवस्था निर्माण, प्रक्षेपित करने का वास्तवीक प्रचालन और प्रचालन का रख-रखाव आदि शामिल किया जाएगा। भारतीय पक्ष के अनुसार अगर अंतरिक्ष सहयोग में श्रीलंका स्वीकृति देने से इनकार करता है, तो भारत श्रीलंका से अपने उपग्रहों का सीमा क्षेत्र सिर्फ़ श्रीलंका के प्रादेशिक भूमि तक करने का आग्रह करेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत की इस कार्रवाई का लक्ष्य श्रीलंका को धमकी देने के साथ-साथ उस क्षेत्र में चीन के अंतरिक्ष सहयोग को कम किए जाने का दबाव बनाना है।
इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि श्रीलंका निवेश समिति की अध्यक्षता में श्रीलंका की एक कंपनी ने चीनी कंपनी के साथ 32 करोड़ यूएस डॉलर की राशि के सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया है। जो श्रीलंका के पहले संचार उपग्रह के विकास करने से संबंधित है। इसके बाद दोनों पक्षों ने अंतरिक्षयानिकी संस्था यानी उपग्रह का जमीनी स्टेशन के निर्माण पर फ़ैसला लिया।
(रमेश)