मित्रों, तुङतुङ वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में ट्राम्पोलाइन इवेंट के चैंपियन हैं, साथ ही वे चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा (एनपीसी) के एक प्रतिनिधि भी हैं। वर्ष 1989 में जन्में तुङतुङ शानशी प्रतिनिधि मंडल में सबसे युवा प्रतिनिधि बन गये हैं। कई दिनों तक एनपीसी के सम्मेलन में भाग लेने के बाद उन्हें लगता है कि उनके कंधों पर बहुत भारी उत्तरदायित्व है।
उन्होंने कहा, बहुत से लोगों ने कहा कि एनपीसी के प्रतिनिधियों को मामले पेश करना चाहिये। यह जनता द्वारा प्रतिनिधियों से पेश की गई मांग भी है। सचमुच यह एनपीसी के प्रतिनिधियों का कर्तव्य है। मेरे विचार से प्रस्ताव पेश करना एक बहुत गंभीर बात है। अगर आप राजनीति, कानून और नियम को अच्छी तरह से नहीं जानते, तो आप एक रचनात्मक प्रस्ताव को पेश नहीं कर सकेंगे।
इस बार तुङतुङ ने खेल के क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धी खेल को सामान्य शिक्षा से जोड़ने का अपना सुझाव दिया। उन्हें आशा है कि प्रतिस्पर्द्धा खेल इवेंट, जो लोग केवल टी.वी. पर ही देख सकते हैं, जनता के साधारण जीवन में भी प्रवेश कर सकेंगी। तुङतुङ के विचार में खेल शिक्षा का एक भाग है। वर्तमान में बहुत से विद्यार्थी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देते हैं, और खेल को नज़र अंदाज करते हैं। दूसरी तरफ़ खेल के क्षेत्र में लोग स्वर्ण पदक पाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। अगर दूरगामी दृष्टि से देखा जाए, तो यह न सिर्फ़ खेल पर बल्कि शिक्षा पर भी अच्छा प्रभाव नहीं डाल सकता। तुङतुङ ने बल देकर कहा कि अगर प्रतिस्पर्द्धा खेल स्कूलों की शिक्षा में प्रवेश कर सकेगा, तो दोनों पक्षों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा, हाल के कई वर्षों में चीन के युवाओं की शारीरिक गुणवत्ता धीरे धीरे कमजोर हो रही है। और मेरे विचार से ये बहुत तेज़ी से हो रहा है। इसलिए युवाओं की शारीरिक गुणवत्ता की बढ़ोतरी बहुत महत्वपूर्ण है, हम प्रतिस्पर्द्धा खेल खेलने से शरीर की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। मुझे लगता है कि अगर प्रतिस्पर्द्धा खेल स्कूली शिक्षा में प्रवेश करेगा, तो यह खेल औऱ शिक्षा दोनों के आगामी विकास के लिये लाभदायक होगा।
तुङतुङ के विचार में खेल और शिक्षा को जोड़कर केवल जनता की शारीरिक गुणवत्ता को बढ़ाना ही नहीं बल्कि नई पीढ़ी में खेल की भावना का संचार करना भी होना चाहिए। अगर युवा शक्तिशाली हैं, तो देश भी शक्तिशाली होगा। अपने पूरे इन्टरव्यू में तुङतुङ ने कई बार यह बात कही।
उन्होंने कहा, चीन के प्रसिद्ध स्वर्गीय विचारक ल्यांग छी छाओ ने यह कहा था कि अगर युवा शक्तिशाली हैं, तो देश भी शक्तिशाली होगा। युवाओं को न सिर्फ़ खेल द्वारा अपनी शारीरिक गुणवत्ता को बढ़ाना चाहिए, बल्कि खेल की भावना पर भी ध्यान देना चाहिए। मुझे विश्वास है कि अगर खेल में प्राप्त दृढ़ता युवा पीढ़ी में प्रसार प्रचार की जा सकेगी, तो यह देश के विभिन्न व्यवसायों के विकास में एक अच्छी भूमिका निभा सकेगा।
तुङतुङ के विचार में खेल और शिक्षा का मेल एक बहुत अच्छा तरीका है, जिससे खेल की उपलब्धियां जनता के जीवन में प्रयोग की जा सकेंगी। उन्होंने कहा, हमें सरकारी खर्च द्वारा खेल का विकास करने की व्यवस्था को बहाल करने के साथ साथ प्रतिस्पर्द्धा खेल को स्कूल और जनता के साधारण जीवन में प्रसार-प्रचार करना चाहिये। मेरे विचार से यह एक बहुत अच्छा जोड़ होगा।
भविष्य की चर्चा में तुङतुङ को आशा है कि वे खिलाड़ी और एनपीसी के प्रतिनिधि दोनों भूमिका अच्छी तरह से निभा सकेंगे। उन्होंने कहा, सबसे पहले मुझे खिलाड़ी के रूप में अपना काम अच्छी तरह से करना चाहिये। साथ ही मैं एनपीसी के प्रतिनिधि का कर्तव्य भी निभाने की कोशिश करूंगा। वास्तव में मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं। क्योंकि मैं एनपीसी का एक प्रतिनिधि हूं, और इस हैसियत से मैं ज्यादा लोगों की सेवा कर सकूंगा।
चंद्रिमा