20 मार्च 2003 में अमेरिकी नौ सेना के 6 क्रूज़ मिसाइलों ने ईराक की राजधानी बागदाद में कई जगहों को अपना शिकार बनाया था। बागदाद शहर के आसमान में बमों और हवाई हमले और विस्फोट की आवाज़ों से भरी हुई थी। ऐसे तो इराक युद्ध औपचारिक रूप से शुरु हुआ था। अब इस युद्ध को दस साल बीत चुके हैं। पिछले दस वर्षों में बहुत कुछ हुआ था। जैसे इराक के सद्दाम हुसैन शासन अंत हो गया, बहुराष्ट्रीय सेनाओं ने अस्थायी सरकार को अधिकार सौंप दिया, जनमत-संग्रह से नए संविधान का पारिषद का निर्माण किया गया, युद्ध के बाद पहली जातीय एकात्मकता वाली सरकार की औपचारिक रूप से स्थापना की गई और अमेरिकी सेना ने इराक से अपनी सेना को पूरी तरह से हटाना शुरु किया। इनमें बहुत सी घटनाएं इतिहास के पन्नों में दब गईं। लेकिन उसी वर्ष, उस युद्ध और युद्ध आघात में से कुछ वस्तुएं हमेशा के लिये लोगों के दिल में एक कभी न भुलाई जाने वाली दुखभरी याद बन गई। यह फोटो वर्ष 2003 की 18 मई की है। उस दिन इराक की राजधानी बागदाद में इराकी लोगों ने पूर्व राष्ट्रपति अहमत हसन अल-बक्र की मूर्ति को गिरा दिया। सन् 1968 में बक्र के नेतृत्व में इराक में क्रांति हुई थी। इस क्रांति के बाद बक्र इराक के राष्ट्रपति बने थे। बक्र के शासनकाल के दस वर्षों में इराक के राष्ट्रीय अर्थतंत्र में तेज़ी के साथ वृद्धि हुई, जिससे इराक हर क्षेत्र में एक शक्ति बनकर उभरा। वर्ष 1979 में उप-राष्ट्रपति साद्दाम हुसैन ने बक्र के बाद इराक के राष्ट्रपति का पद संभाला।