रूस, तंजानिया, दक्षिण अफ़्रीका, कांगो गणराज्य की यात्रा करने और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 19 मार्च को पेइचिंग में ब्रिक्स के मीडिया से एक साक्षात्कार में द्विपक्षीय संबंधों, चीन-अफ़्रीका सहयोग, ब्रिक्स सहयोग और चीन की सुधारवादी और खुलेपन नीति पर प्रकाश डाला।
चीन और रूस संबंधों के बारे में शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और रूस एक दूसरे के सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार हैं, दोनों देशों की जनता के बीच गहरे संबंध हैं, चीन, रूस के साथ अपने संबंधों पर बहुत ध्यान देता है, और इस यात्रा से पता चलता है कि चीन-रूस संबंधों में कितनी प्रगाढ़ता है।
चीन अफ़्रीका संबंधों के बारे में शी चिनफिंग ने कहा कि विकासशील देशों के रूप में चीन और अफ़्रीका के बीच व्यापक समान हित हैं, द्विपक्षीय सहयोग से दोनों पक्षों को लाभ पहुंचेगा, चाहे अन्तरराष्ट्रीय स्थिति में कैसे भी परिवर्तन क्यों न आएं, चीन अफ़्रीका की स्थिरता, शांति और विकास का समर्थन करता रहेगा, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अफ़्रीका की भागीदारी को प्रोत्साहन करेगा।
चीन-भारत के संबंधों के बारे में शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और भारत विश्व में दो सबसे बड़े विकासशील देश हैं, शांतिपूर्ण विकास की राह पर चलना दोनों देशों के समान हितों से मेल खाता है और यह एशिया समेत विश्व के लिए भी लाभदायक है। दोनों देशों को विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग से आगे बढ़ना चाहिए, और समस्याओं का उचित समाधान करना चाहिए, ताकि चीन भारत संबंध को एक नए स्तर पर पहुंचाया जा सके।
चीन और ब्रिक्स देशों के सहयोग के बारे में शी चिनफिंग ने कहा कि वर्तमान में ब्रिक्स देशों समेत विकासशील देशों के विकास की गति तेज़ है, यह विश्व शांति और विकास के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए नवोदित देशों के विश्व में प्रतिनिधित्व और उनके अधिकारों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ब्रिक्स देशों के बीच का सहयोग विश्व अर्थतंत्र के संतुलन, संचालन और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए लाभदायक है।
चीन और विश्व के संबंधों के बारे में शी चिनफिंग ने कहा कि चीन अपनी स्थिति के अनुसार अधिक अंतर्राष्ट्रीय कर्तव्य उठाएगा और मानवता की शांति, विकास के लिए अधिक योगदान देगा, चीन शांतिपूर्ण विकास की राह पर दृढ़ता से आगे चलता रहेगा।
(होवेइ)