पिछली दो बार की प्रतियोगिताओं की तरह येरूशेलम के मेयर निर बार्काट ने भी आधे भाग की मैराथन दौड़ में भाग लिया। उन्हें आशा है कि येरूशेलम में विशेष भूगोल, इतिहास और संस्कृति से सभी खिलाड़ी विभिन्न अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा, मैराथन दौड़ का रास्ता बहुत रोमांचपूर्ण है। प्रतिस्पर्द्धा खेल के दृष्टिकोण से वह एक चुनौती है। साथ ही वह एक आश्चर्यजनक रास्ता भी है। क्योंकि आप इस रास्ते पर येरूशेलम की सुन्दरता, इतिहास, पवित्रता और रहस्य को अच्छी तरह से महसूस कर सकते हैं।
प्रतियोगिता का रास्ता येरूशेलम के कई मशहूर दर्शनीय स्थलों से गुजरता है। उदाहरण के लिये येरूशेलम का पुरातन शहर, इज्रायली संसद, हेबरे यूनिवर्सिटी और इज्रायली संग्रहालय। बेशक, रास्ते के किनारे पर दिख रहे सुन्दर दृश्य ज़रूर खिलाड़ियों के लिये अच्छा अनुभव होंगे। पिछले वर्ष राचेल रोसेनबलुह एक गर्भवती महिला ने दस किमी दूर की प्रतियोगिता में भाग लिया था। अब उन का बेटा सात महीना हो गया है। और इस वर्ष उन्होंने पहली बार आधे भाग की मैराथन दौड़ में भाग लिया। प्रतियोगिता के बाद उन्होंने कहा, बहुत अच्छा अनुभव हुआ। हालांकि मैं थकान से परेशान थी, लेकिन यह अनुभव बहुत अच्छा था। रास्ते पर कई चढ़ाई बहुत मुश्किल थी, लेकिन येरूशेलम की सुन्दरता ने सभी मुश्किलों को दूर कर दिया। हवा बहुत ताज़ा है, और दृश्य बहुत मनोहर है।
क्योंकि येरूशेलम में बहुत पहाड़ हैं, इसलिये रास्ते पर चढ़ाव-उतार खिलाड़ियों के प्रति बड़ी चुनौती है। लेकिन इस विशेष अनुभव से उन्हें ज्यादा मज़ा आया। 71 वर्षीय शालोम ओज़ारोवस्की ने चौथी बार इस मैराथन दौड़ में भाग लिया है। उन्होंने कहा, रास्ते पर कई चढ़ाई हैं, उसी समय मैं अपनी गति को धीमी करता था। बाद में मैंने निर बार्काट को देखा, वे येरूशेलम के मेयर हैं। उन्होंने भी इस प्रतियोगिता में भाग लिया। उन्हें देखकर मुझे लगता है कि मैं ज्यादा शक्तिशाली बन गया हूं। मैं येरूशेलम शहर के बाहर रहता हूं, यहां मैराथन दौड़ के लिये सब से अच्छा और सब से पवित्र शहर माना जाता है। मेरा अनुभव बहुत अच्छा है।
अन्य देशों से आए खिलाड़ियों के प्रति यरूशलम मैराथन दौड़ एक अविस्मरणीय याद भी है। चीनी खिलाड़ी मंग बो ने चौथी बार मैराथन दौड़ में भाग लिया। इस से पहले उन्होंने पेइचिंग में तीन बार आधे भाग की मैराथन दौड़ में भाग लिया। उन्होंने कहा, इस बार मेरी गति पेइचिंग में आयोजित मैराथन दौड़ की अपेक्षा ज़रा धीमी है। क्योंकि यहां चढ़ाई वाला रास्ता बहुत लंबा है। सारे 21 किमी दूर के रास्ते में लगभग छै या सात किमी चढ़ाई है। और कुछ चढ़ाई बहुत मुश्किल हैं, जिससे मुझे थकान लगती है। लेकिन यहां का मौसम और हवा बहुत अच्छी है, इसलिये दौड़ने में बहुत मज़ा आया।
इस बार की येरूशेलम दौड़ की और एक विशेषता यह है कि इस में भाग लेने वाले एक तिहाई खिलाड़ी लोकोपकार के लिये दौड़ते थे, यानी कैंसर से पीड़ित लोगों और विकलांग बच्चों के लिये चंदा इकट्ठा करने के लिये। मेलिन जिंकेल तो एक विकलांग बच्चों की सेवा करने वाले लोकोपकार संगठन की स्वयंसेवक हैं। उन्होंने अन्य स्वयंसेवकों और कुछ विकलांग बच्चों के साथ कम दूरी की दौड़ में भाग लिया, और वहां रिस्टबैंड और टी.शर्ट को बेचने से चंदा इकट्ठा किया। उन्होंने कहा, कुछ स्वयंसेवकों औऱ बच्चों ने एक साथ इस प्रतियोगिता में भाग लिया, और कुछ स्वयंसेवकों ने पूरे रास्ते को भी पूरा तय किया है। वह पैसा, जो हमने माल बेचकर प्राप्त किया है, चंदे के रूप में इसे ज़रूरतमंद बच्चों को दिया जाएगा।
इस तरह का प्रभावित दृश्य येरूशेलम मैराथन दौड़ में इधर-उधर देखा जा सकता है। कुछ कैंसर रोगियों ने अन्य कैंसर से पीड़ित लोगों को साहस के साथ कैंसर का सामना करने का प्रोत्साहन देने के लिये इस प्रतियोगिता में भाग लिया। कुछ खिलाड़ियों ने एक दूसरे की मदद करते हुए हाथ में हाथ लेकर अंतिम लाइन को पार किया। कुछ बूढ़े लोग खुशी से दौड़ रहे थे, और कुछ थके हुए लोग कायम रहते थे। हर एक खिलाड़ियों ने अपने कार्यवाही से दिल का सपना पूरा करने की कोशिश की।
अंत में इथियोपिया के खिलाड़ी अब्रहाम काबेटो ने 2 घंटे 16 मिनट 29 सैकेंड 25 के अंक से इस मैराथन दौड़ की चैंपियनशिप जीती। और केन्या के दो खिलाड़ी क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। गौरतरब है कि इस बार की मैराथन दौड़ में हर खिलाड़ी को, जो अंतिम लाइन तक पहुंच गया, एक पदक मिल सका। क्योंकि हर खिलाड़ी तो चैंपियन है।