12वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के पहले सम्मेलन का संवाददाता सम्मेलन 9 मार्च को पेइचिंग में आयोजित हुआ। चीनी विदेश मंत्री यांग च्येछी ने चीन की विदेश नीति और राजनयिक संबंधों के बारे में संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर दिए।
उन्होंने कहा कि गत 5 वर्षों में चीन ने अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और हितों का संरक्षण करते हुए विभिन्न देशों के साथ सहयोग भी बढ़ाया है। चीन ने विश्व शांति और विकास के लिए योगदान किया है। भविष्य में चीन शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर ही आगे बढ़ता रहेगा। चीन अधिक सक्रिय रुख से अंतर्राष्ट्रीय मामलों में शामिल रहेगा और अपनी भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि रूस, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका और कांगो गणराज्य के राष्ट्रपतियों के आमंत्रण पर चीन के नए राष्ट्राध्यक्ष इन देशों की यात्रा करेंगे, साथ ही दक्षिण अफ्रीका के शहर डरबन में आयोजित होने वाले ब्रिक्स देशों के नेताओं की 5वीं बैठक में भी भाग लेंगे।
चीन-अमेरिका संबंधों पर उन्होंने कहा कि चीन अमेरिका के एशिया प्रशांत क्षेत्र में रचनात्मक भूमिका निभाने का स्वागत करता है, लेकिन अमेरिका को चीन के हितों का सम्मान करना चाहिए। दोनों देशों को मतभेद दूर कर बड़े देशों के बीच नए संबंधों की स्थापना करनी चाहिए।
चीन-जापान संबंधों पर उन्होंने कहा कि त्याओयू द्वीप चीन का हिस्सा है। लेकिन जापान की एकतरफा कार्रवाई से वर्तमान तनाव पैदा हुआ है। दोनों देशों के स्वस्थ और स्थिर संबंध दोनों देशों की जनता के हितों से मेल खाते हैं।
पड़ोसी देशों के साथ प्रादेशिक भूमि संबंधी विवादों पर यांग च्येछी ने कहा कि चीन दृढ़ रूप से अपनी प्रादेशिक संप्रभुता और वैध हितों का संरक्षण करेगा, साथ ही वार्ता के माध्यम से विवादों का समाधान करके क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने का इच्छुक भी है।
उत्तर कोरियाई परमाणु मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को ध्यान से संभालने और कोरियाई प्रायद्वीप की शांति और स्थिरता का संरक्षण करने से संबंधित पक्षों को लाभ मिलेगा। उन्होंने विभिन्न पक्षों से शांति और संयम बरतने के साथ ज्यादा तनाव न करने की अपील भी की।
इनके अलावा उन्होंने यूरोपीय ऋण संकट और चीन के काउंसिलर संरक्षण पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब भी दिए।
(दिनेश)