चीन में 5 मार्च को शुरू हुए 12वीं राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के पहले सम्मेलन में प्रस्तुत 2013 की केंद्रीय एवं स्थानीय बजट के मसौदे संबंधी रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष केंद्रीय रक्षा बजट 7 खरब 20 अरब 16 करोड़ 80 लाख युआन होगी, जो पिछले साल से 10.7 प्रतिशत अधिक है।
सम्मेलन में उपस्थित सेना के प्रतिनिधियों का मानना है कि रक्षा-बजट में समुचित इजाफा होने से लड़ाई लडने में सक्षम होने और लड़ने में जीत हासिल करने के सेना के लक्ष्य के पूरे होने की गारंटी है। ऐतिहासिक कारणों की वजह से चीन में रक्षा-निर्माण आर्थिक विकास की तुलना में पिछड़ा रहा है। सेना के प्रतिनिधि, सैन्य विज्ञान अकादमी के शोधकर्त्ता छन-चो ने कहा कि देश में कई सालों से पूरक के रूप में धनराशि मिलने के बाद रक्षा-बज़ट धीरे-धीरे आर्थिक विकास के साथ समव्य रूप से बढ गई है। नौसेना के सूचना-प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ ईन चो ने कहा कि चीनी सेना मशीनीकरण और सूचना प्रौद्योगिकीकरण के दौर से गुजर रही है। इस के कारण रक्षा-बजट में इजाफ़ा होना बेहद जरूरी है।
एक सैन्य प्रतिष्ठान के उप प्रभारी ल्यू चैन ने कहा कि चीनी रक्षा-विज्ञान के शोध-कार्य में जो निवेश हुआ है, वह अमेरिका का केवल 25 प्रतिशत भाग बनता है। शस्त्र-अस्त्र और सैन्य साजोसामान की दृष्टि से चीन सैन्य महाशक्तियों से काफी कमजोर है। इस लिहास से पश्चिमी देश चीन को सैन्य खतरे के रूप में पेश करने की अपनी कार्यवाही को बन्द कर सकते हैं।