चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की 12वीं राष्ट्रीय कमेटी के पहले पूर्णाधिवेशन के प्रेस प्रवक्ता ल्वु शिनह्वा ने 2 मार्च को कहा कि अगर जापान त्याओयू द्वीप पर चीन के युद्धपोतों और सैन्य विमानों की सामान्य गश्त में बाधा डालेगा तो इसका उत्तरदायित्व भी जापान को जाता है।
त्याओयू द्वीप विवाद की चर्चा करते हुए श्री ल्वु शिनह्वा ने कहा कि त्याओयू द्वीप और इससे संबद्ध भूमि चीन की प्रादेशिक भूमि है। जापान को त्याओयू द्वीप पर किसी तरह का व्यापार करने का अधिकार नहीं है। त्याओयू द्वीप पर एक घास, एक पेड़, एक पत्थर और एक इंच की भूमि का भी व्यापार नहीं किया जाना चाहिए। फिर चाहे जापान ने किसी माध्यम से भी इस द्वीप को खरीदा हो, ये चीनी प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसता पर गंभीरता से अतिक्रमण किया गया है।
ल्वु शिनह्वा ने यह भी कहा कि जापान ने त्याओ यू द्वीप को मुद्दा बनाया है। शांतिप्रेमी देश के रूप में चीन वार्ता व बातचीत के जरिए अंतरराष्ट्रीय मुठभेड़ का शांतिपूर्ण समाधान पर पक्षधर लेता है। चीन जापान समेत सभी देशों से शांतिपूर्ण संबंध चाहता है। वर्तमान में यह बात बहुत जरूरी है कि जापान चीन की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता को नुकसान पहुंचाने की कार्यवाही बंद करे, खास कर जापानी नेता गैर जिम्मेदाराना बयान बंद करके इस मुद्दे के समाधान और चीन-जापान संबंध में सुधार के लिए वास्तविक कोशिश करे।
(वनिता)