समय-12 फ़रवरी
जगह-लुसाने,स्विट्जरलैंड
आयोजन-जेक्स रोग्गे की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई। जिसमें वोटिंग के ज़रिए कुश्ती को बाहर करने का फैसला लिया गया।
ओलंपिक खेलों से कुश्ती को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी शुरू हो गई है। अगर ऐसा हुआ तो, वर्ष 2020 के ओलंपिक में खेल प्रेमियों को कुश्ती का रोमांच नहीं दिखेगा।
मंगलवार 12 फ़रवरी को स्विट्जरलैंड के लुसाने में जेक्स रोग्गे की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई। जिसमें वोटिंग के ज़रिए कुश्ती को बाहर करने का फैसला लिया गया।
यह अप्रत्याशित निर्णय इसलिए भी चौकाने वाला है, क्योंकि कुश्ती के मुक़ाबले कम लोकप्रिय खेल मॉडर्न पेंटाथलॉन और ताइक्वांडो को ओलंपिक खेलों में बरकरार रखा गया है। जबकि इससे पहले पेंटाथलॉन के बाहर होने की आशंका जताई जा रही थी। ओलंपिक समिति के प्रवक्ता मार्क एडम्स के अनुसार यह निर्णय मतों के आधार पर हुआ।
हालांकि अब भी कुश्ती को लेकर एक उम्मीद बाकी है, क्योंकि इस साल मई महीने में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में ओलंपिक कमेटी की बैठक आयोजित होनी है। इसके बाद सितंबर में अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में होने वाली आम सभा में कुश्ती के भविष्य पर अंतिम मुहर लग सकती है।
गौरतलब है कि 1896 में ओलंपिक खेलों की शुरुआत के समय से ही कुश्ती लगभग सभी ओलंपिक आयोजनों का हिस्सा रही है। सिर्फ वर्ष 1900 के ओलंपिक में उसे शामिल नहीं किया गया था।
कुश्ती के भविष्य के लिए आने वाले कुछ महीने महत्वपूर्ण होंगे, ऐसे में भारत सहित दुनियाभर के कुश्ती प्रेमियों की नज़र इस पर लगी रहेगी।
अनिल