भारत बाल अपराध कानून में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। ताकि नाबालिग यौन अपराधियों को भी बराबर सज़ा दी जा सके।
भारतीय महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि संशोधित बाल न्याय अधिनियम में ऐसा प्रावधान किया जाएगा, जिसके बाद 15 साल से अधिक उम्र के नाबालिग यौन अपराध के आरोपों से बचने के बजाय साधारण अदालत में पेश किए जाएंगे।
(नीलम)